शिव के लाला से विनती मेरी भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 23 Apr, 2025
म्हारी गोर तिसांई जी, राज घटियांरो मुकुट करो।
म्हारी गँवरा पानीडो सो पाय घटियांरो मुकुट करो
म्हारी गवर तिसांई ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
ब्रह्मदास जी रा ईशरदास जी ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
म्हारी गवरा पानीड़ो पिलाय घांटा रो मुकुट करो।
म्हारी गवरा तिसाई ओ राज घांटा रो मुकुट करो।
(बह्मदास जी की जगह पिता और ईशरदास जी की जगह पुत्र का नाम लेना हैं )
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