ओडो कोडो बीरा आंवलारे गणगोर गीत लिरिक्स

    गणगोर लोकगीत

    • 25 Mar 2025
    • Admin
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    ओडो कोडो बीरा आंवलारे गणगोर गीत लिरिक्स

    ओडो कोडो गीत 1

    ओडो कोडो बीरा आंवलारे, राई चरण को राख।

    ईसरदास घरां बधावण रे, गोरल जायो छ पूत।

    कानीराम धारो बीरा घूघरा रे, लाडेल मांय मोर।

    गाजत बाजत ब गया रे, गया बाई रोवा री पोल।

    उठ बाई रोवां कर आरती रे, आया माई जाया बीर।

    भल आया भल आवणारे, आयेड़ारी भगत कराय।

    ताता सामान्डी घीव लापसी रे, और उड़द की दाल।

    आवो बीरो थे जिमल्यो रे, आंचल ढोलागां बाल।

    आंचल रो

    मानस्यां रे, देस्यां म्हे अगड़ घड़ाय।

    अगड़ घड़ावो बीरा भावजा रे, हम न नोसर हार।

    बेल बधावो मेर बाप को रे, ज्यूं माली ज्यूं दूब।

    ओडा कोडो बीरा रांवला रे, राई चरण को रुख।


    ओडो कोडो गीत 2
    ओड़ो कोड़ो छ रावलो ये राई चन्दन को रोख
    ये कुण गौरा छै पातला ऐ कुणा माथ ऐ मोल
    ईसरदास जी गोरा छ पातला ऐ ब्रह्मा माथे मोल

    बाई थारो काई को रूसणो ये काई को सिंगार
    बाई म्हारे सोना को रूसणों ऐ मोतिया रो सिंगार
    अब जाऊँ म्हारे बाप के ऐ ल्याउली नौसर हार

    चौसर हार गढ़ाए ,पाटे पुवाए गोरक सुधों मूंदडो,
    गोरा ईसरदास जी ब्रह्मदास जी जोगो मूंदडो,
    वाकी रानिया होए बाई बेटिया होए आठ गढ़ाए

    पाटे पुवाए गोरक सुधो मूंदडो
    गोरा चाँद, सूरज, महादेव पार्वती जोगो मूंदडो
    गोरा मालन, माली, पोल्या - पोली जोगो मूंदडो मूंदड़ो,


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