2 मई 2025: आज की पूजा, राशिफल और चोघड़िया का विश्लेषण | शुभ मुहूर्त और उपाय
प्रकाशित: 02 May, 2025
गणगौर का बधावा गीत 1
जुग जीत्या ए भैण बधावणा ।
जाये बान्धूंगी ब्रह्मादासजी कोटड्याँ,
जाँ के ईसरदास सरीसा पूत, जांक कानीराम सरीसा पूत ।
जुग जीत्या भैण बधावणा ।
सिराण जी चोळी पान की, पगाल्याँ जी अर्थ भन्डार ।
जुग जीत्या ए भैण बधावणा ।
थे तो पैरो ना चोळी पान की, थे तो बिलसो न अर्थ भन्डार ।
जुग जीत्या ए भैण बधावणा ।
गणगौर का बधावा गीत 2
चाँद चढ़यो गिरनार, किरत्यां ढल रही जी ढल रही
जा बाई रोवा घरा पधार माऊजी मारेला जी मारेला
बापू जी देवला गाल, बडोड़ो बीरो बरजेलो जी बरजेलो,
थे मत दयो म्हारी बाई न गाल,
बाई म्हारी चिड़कोली जी चिड़कोली।
आज उड़ पर बात सवार बाई उड़ ज्यासी जी उड़ ज्यासी,
गोरायारं दिन चार जावईडो ले जासी जी ले जासी
(घर की बहन बेटियो का नाम लेना है )
गणगौर बंधावा गीत 3
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन मे,
पहले बंधावा मेरी दादी जी ने गया ।
दादाजी लुटाएं मोहर सखीऐ मेरे आंगन में ।।
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन मे,
दूसरा बंधावा मेरे ताई जी ने गया।
ताऊ जी लुटाएं मोहर सखीऐ मेरे आंगन में ।।
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
तीसरा बंधवा मेरी चाची जी ने गया।
चाचा जी लुटाएं मोहर सखीऐ मेरे आंगन में।।
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
चौथा बंधवा भाभी जी ने गया
भाई जी लुटाएं मोहर सखीऐ मेरे आंगन में । ।
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
ईसर गौर है आया बंधावा मेरे आंगन में,
गणगौर का बधावा गीत 4
संयो कुलमजी फुलड़ा दोय जणा
संयो एक सुरज दूजो चाँद, बधावो जी म्हारी गौर
सुरज उग्या फुल म चाँदनी
संयो चाँद री जगमग रात, बधावो जी म्हारी गौर
संयो कुलमजी फुलड़ा दोय जणा
संयो एक मायड़ दूजो बाप, बधावो जी म्हारी गौर
संयो मायड़ी गौदी म म्हें खेल्या
संयो बापुजी लडायो म्हान लाड, बधावो जी म्हारी गौर
संयो कुलमजी फुलड़ा दोय जणा
संयो एक मामो दूजो मामी, बधावो जी म्हारी गौर
संयो मामोजी मरला म्हारो भात, बधावो जी म्हारी गौर
संयो मामीजी पुजाव गणगौर, बधावो जी म्हारी गौर
संयो कुलमजी फुलड़ा दोय जणा
संयो एक घोड़ी दुजी गाय, बधावो जी म्हारी गौर
संयो घोड़ी ने ढाँड म म्हे बाँधा
संयो गाया को पीसा काँचो दूध बधावो जी म्हारी गौर को ।
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प्रकाशित: 02 May, 2025
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