म्हारा हंजा मारू यहीं रहो जी गणगोर गीत लिरिक्स

    गणगोर लोकगीत

    • 25 Mar 2025
    • Admin
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    म्हारा हंजा मारू यहीं रहो जी गणगोर गीत लिरिक्स

    म्हारा माथ न मैमद ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारू यहीं रहो
    म्हारा । काना न कुंडल ल्यावो,
    म्हारा हजा मारु यही रहो जी।


    यहीं रो उगन्ता सूरज यहीं रहो जी,
    यहीं रो बरसन्ता बादल यहीं रहो जी।
    था न रास्ता म होसी गनगोर,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।
    कोटा बूंदी म होसी गनगोर,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।


    आवाद्यो नखराली नार आबाद्योनाए,
    आबाद्यो छिणनारी नार जाबाद्योनाए
    म्हारा भायला ऊब्या डोड्या बार,
    म्हारी मृगनैणी जाबा द्योना
    था न आये पूजावां गनगोर,
    म्हारी चन्द्राबदनी जाबा द्योना
    म्हारी गला म सतलड़ी ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो ,
    म्हारा नाक म बेसर ल्यावो,


    म्हारा हंजा मारु यही रहो जी।
    यहीं रो सासुजी रा जाया यहीं रहो जी,
    यहीं रो हिवड़ा का जिवड़ा यहीं रहो जी।
    थारी भोत करां मनुहार,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।
     थान रस्ता म होसी गनगोर,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।


    जाबाद्यो नखराली नार जाबा द्योना ए,
    जाबाद्यो बाई की भाभी जाबाद्यो नाए।
    म्हारा साथीड़ा जोव म्हारी बाट,
    म्हारी चन्द्राबदनी जाबा द्योना ए।
    थान आये पूजावां गनगोर,
    म्हारी मृगनयनी जाबाद्योनाए।
    म्हारा पूजान चूड़लो ल्यावी,
    म्हारां हंजा मारु यहीं रहो जी।
    म्हारा बैंया न बाजुबन्द ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।


    म्हारा कडियां न दावण ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।
    म्हारा माथा न चूनड़ ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।
    म्हारा पगल्यां न पायल ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यही रहो जी।
    म्हारा आंगलियां न बिछिया ल्यावो,
    म्हारा हंजा मारु यहीं रहो जी।
    यहीं रहो उगन्ता सूरज यहीं रहो जी,


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