पिया मिलन के काज आज, जोगन बन जाउंगी भजन लिरिक्स हिंदी में | Bhakti Geet Lyrics
पिया मिलन के काज आज,
जोगन बन जाउंगी।।
राग – दरबारी।
हार श्रृंगार छोड़कर सारे,
अंग बिभूत रमाऊँगी,
सिंगी सेली पहन गले में,
अलख जगाउंगी,
जोगन बन जाउंगी।।
काशी मथुरा हरिद्वार,
सब तीरथ नहाउंगी,
जाय हिमाचल करूँ तपस्या,
तन को सुखाऊँगी,
मैं जोगन बन जाउंगी।।
ऋषि मुनियों के आश्रम जाके,
खोज लगाउंगी,
अंदर बाहिर सब जग ढूंढूं,
नहीं अटकाउंगी,
जोगन बन जाउंगी।।
निशदिन उनका ध्यान लगाकर,
दर्शन पाउंगी,
‘ब्रम्हानंद’ पिया घर लाकर,
मंगल गाउंगी,
मैं जोगन बन जाउंगी।।
पिया मिलन के काज आज,
जोगन बन जाउंगी।।
स्वर – बाबा सुभाष नाथजी
✅ FAQs (FAQ Schema Ready):
❓ पिया मिलन के काज आज भजन किसके द्वारा लिखा गया है?
👉 यह एक पारंपरिक भक्ति गीत है जो राधा-कृष्ण प्रेम भाव पर आधारित है, लेखक अज्ञात है।
❓ "जोगन बन जाउंगी" का अर्थ क्या होता है?
👉 इसका अर्थ है – “मैं अपने प्रिय के मिलन के लिए संसार त्यागकर साध्वी (जोगन) बन जाऊंगी।”
❓ यह भजन किसके प्रति समर्पित है?
👉 यह भजन राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम को दर्शाता है।
❓ इस भजन को कहां सुन सकते हैं?
👉 यह भजन YouTube, Spotify, JioSaavn जैसे म्यूज़िक प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
❓ क्या यह भजन किसी विशेष अवसर पर गाया जाता है?
👉 यह भजन सामान्यतः राधा-कृष्ण पूजा, भजन संध्या, और भक्ति सत्संग में गाया जाता है।
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