गणगौर पूजने के गीत लिरिक्स

    गणगोर लोकगीत

    • 25 Mar 2025
    • Admin
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    गणगौर पूजने के गीत लिरिक्स

    गणगौर पूजने का गीत

    गौर – गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती

    पार्वती का आला गीला , गौर का सोना का टिका ,

    टिका दे , टमका दे , राजा रानी बरत करे ,

    करता करता , आस आयो वास आयो ,

    खेरो   खांडो   लाडू  लायो ,

    लाडू ले बीरा न दियो ,बीरो म्हाने चुनड  दी

    चुनड को में बरत करयो

    सन मन सोला , ईसर गोरजा ,

    दोनु जौड़ा , जोर ज्वार

    रानी पूजे राज में , मैं पूजा सुहाग में ,

    रानी को राज घटतो जाई , म्हाखो सुहाग बढतों जाय ,

    किडी किडी कीड़ो ल्याय , किडी थारी जात दे ,

    जात दे , गुजरात दे , गुजरात्या को पानी

    दे दे थम्बा तानी , ताणी का सिघडा, बारी का बुजारा

    म्हारो भाई एम्ल्यो खेम्ल्यो ,

    सेर सिंघाड़ा ल्यो , पेफ का फूल ल्यो ,

    सूरज जी को डोरों ल्यो , सोना को कचोलो ल्यो

    गणगौर पूज ल्यो |


    गौर गौर गोमती गीत

    गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

    पार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का टीका

    टीका दे , टमका दे , बाला रानी बरत करयो

    करता करता आस आयो वास आयो

    खेरे खांडे लाडू आयो , लाडू  ले बीरा ने दियो

    बीरो ले मने पाल दी , पाल को मै बरत करयो

    सन मन सोला , सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा

    जोड़ ज्वारा ,गेंहू ग्यारा , राण्या  पूजे राज ने , म्हे पूजा सुहाग ने

    राण्या को राज बढ़तो जाए , म्हाको सुहाग बढ़तो जाय ,

    कीड़ी- कीड़ी , कीड़ी ले , कीड़ी थारी जात है , जात है गुजरात है ,

    गुजरात्यां को पाणी , दे दे थाम्बा ताणी

    ताणी में सिंघोड़ा , बाड़ी में भिजोड़ा

    म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो , सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो

    लाडू ल्यो , पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो

    झर झरती जलेबी ल्यो , हरी -हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो

    इस तरह सोलह बार बोल कर आखिरी में

    बोले एक-लो , दो-लो ,तीन लो  ……..सोलह-लो।


    गणगौर के चूनड़ी के गीत

    ईशरदास जी बीरो चूनड़ी रंगाई बाई रोवां के दाय नहीं आई रे

    नीलगर ओज्यूँ रंग दे म्हारी चुनड़ी

    अल्ला रंग दे पल्ला रंग दे।

    म्हारे  माथे पे मोरिया छपाई दे नीलगर।


    चमकण लागे घाघरा गीत

     चमकण घाघरो चमकण चीर , बोलबाई रोवां कुण थारा बीर

     बड़ो बड़ो म्हारो ईशरदास बीर बांसयुं छोटो कानीराम बीर

     चुनरी ओढावे म्हारो ईशरदास बीर माय स्यु मिलावे म्हारो छोटो कानीराम   बीर।

     चमकण लागे घाघरा चमकण चीर …


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