प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर भजन लिरिक्स | Preet Lagi Mat Todo Re Giridhar Bhajan in Hindi

    Top 100 Krishna Bhajan Lyrics in Hindi

    • 25 Jun 2025
    • Admin
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    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर भजन लिरिक्स | Preet Lagi Mat Todo Re Giridhar Bhajan in Hindi

    भजन का परिचय (Introduction)

    "प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर" एक हृदयस्पर्शी कृष्ण भजन है, जिसमें एक भक्त भगवान श्रीकृष्ण से यह विनती करता है कि उनके बीच जो प्रेम-संबंध बना है, वह कभी न टूटे। यह भजन राधा-कृष्ण की अनन्य भक्ति भावना को प्रकट करता है।


    दोहा :- 
    संत समागम हरि कथा, तुलसी दुर्लभ दोय।
    सुत धारा धन लक्ष्मी, पापी घर भी होय।।

    मीरा जन्मी मेड़ते और जा परणाई चित्तौड़,
    राम भजन प्रताप सू वा सकल सृष्टि सिरमौर ।।

          

    भजन राग - सोरठ

      
    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर
    हमसे ना मुख मोड़ो रे  गिरधर ।।

    थे हो म्हारा सेठ सांवरा, 
    ब्याज मूळ मत जोड़ो रे गिरधर,
    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर
    हमसे ना मुख मोड़ो रे  गिरधर ।।

    गेरी गेरी नदिया न्याव पुराणी,
    बिच भंवर मत छोड़ो रे गिरधर,
    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर
    हमसे ना मुख मोड़ो रे  गिरधर ।।

    काशी आये मथुरा आये,
    गोकुल को मत छोड़ो रे गिरधर,
    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर
    हमसे ना मुख मोड़ो रे  गिरधर ।।

    बाई मीरां के प्रभु गिरधर नागर,
    प्रीत अधूरी मत छोड़ो रे गिरधर,
    प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर
    हमसे ना मुख मोड़ो रे  गिरधर ।।

    Singer : Rameshwar Ji 


    FAQs (FAQ Schema Compatible)

    🔹 Q1: “प्रीत लगी मत तोड़ो रे गिरधर” भजन का मुख्य संदेश क्या है?

    A: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण से भक्त की यह प्रार्थना है कि उनके बीच बना प्रेम का बंधन कभी न टूटे।

    🔹 Q2: यह भजन किस भाषा में है?

    A: यह एक पारंपरिक हिंदी भजन है।

    🔹 Q3: इस भजन को कौन गा सकता है?

    A: कोई भी कृष्ण भक्त इसे कीर्तन, सत्संग, या पूजा में गा सकता है।

     

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