मैहर की माई शारदा विनती सुनो मोर ए माता भजन के लिरिक्स
मैहर की माई शारदा विनती सुनो मोर ए माता भजन के लिरिक्स:
मैहर की माई शारदा
विनती सुनो मोर ए माता
ऊंची पहाड़िया पे मंदिर बनो है
चारों तरफ़ से जंगल घिरो है
अरे मंदिर पे कलसा धरो
चमके चारों ओर ए माता
विनती सुनो मोर ए माता
आल्हा ऊदल ने ध्यान धरो है
जिनखों तुमने अमर करो है
अरे कजरी वन में जा बसो
सारे जग में सोर ए माता
विनती सुनो मोर ए माता
महिमा अपरंपार तुम्हारी
भक्तजनों की तारणहारी
अरे देती अटल वरदान मां
जियरा ले हिलोर ए माता
विनती सुनो मोर ए माता
हम अज्ञानी शरण तुम्हारे
बिगड़े बनाती काज हमारे
अरे आंगन में तुम्हरे आन पड़ा
दुखड़े कर दो दूर ए माता
विनती सुनो मोर ए माता
गीत का सार
यह गीत एक भक्त की माँ शारदा से प्रार्थना है। गीत के माध्यम से भक्त शारदा माता से आशीर्वाद प्राप्त करने की विनती करता है। प्रत्येक शेर में, भक्त अपने दुखों को दूर करने और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए माँ से आशीर्वाद की कामना करता है। गीत का हर एक शब्द समर्पण और श्रद्धा से भरा हुआ है।
गीत के लिरिक्स और अर्थ:
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"मैहर की माई शारदा विनती सुनो मोर ए माता"
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यह पंक्ति भक्त की शारदा माता से एक विनती को प्रकट करती है, जिसमें वह माँ से प्रार्थना करता है कि उसकी आवाज़ सुनें और उसकी मदद करें।
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"ऊंची पहाड़िया पे मंदिर बनो है, चारों तरफ़ से जंगल घिरो है"
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इस पंक्ति में मंदिर के बारे में बात की गई है, जो पहाड़ियों पर स्थित है, और चारों ओर से जंगल से घिरा हुआ है, एक शांतिपूर्ण वातावरण का चित्रण करते हुए।
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"आल्हा ऊदल ने ध्यान धरो है जिनखों तुमने अमर करो है"
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यहाँ आल्हा और ऊदल, जो कि प्रसिद्ध वीर नायक और भक्त हैं, उनकी उपासना का उल्लेख किया गया है, और भक्त ने माँ से उनके नाम को अमर बनाने की प्रार्थना की है।
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"महिमा अपरंपार तुम्हारी भक्तजनों की तारणहारी"
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माँ की महिमा का वर्णन करते हुए कहा गया है कि वह अपने भक्तों के कष्टों को दूर करके उन्हें तारणहार बनाती हैं।
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"हम अज्ञानी शरण तुम्हारे बिगड़े बनाती काज हमारे"
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भक्त अपने अज्ञान और असमर्थता का बोध करते हुए माँ से प्रार्थना करता है कि वह उसकी मदद करें और उसके बिगड़े काम बनाएं।
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माँ शारदा की महिमा
माँ शारदा, जो ज्ञान और विद्या की देवी मानी जाती हैं, भक्तों की प्यास को शांति और ज्ञान से संतुष्ट करती हैं। शारदा देवी का मंदिर, जो मैहर में स्थित है, भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में एक है। यह स्थान विशेष रूप से उन भक्तों के लिए पवित्र है जो ज्ञान और आत्मिक उन्नति की कामना रखते हैं।
गीत का भावार्थ
यह भक्ति गीत माँ शारदा के प्रति एक गहरी श्रद्धा और विश्वास को प्रकट करता है।
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