मेरे दाता के दरबार में सब लोगो का खाता भक्ति भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
जुलम करणिये जुलम करने से डरया नहीं करते।
बेईमान विश्वास किसी का, करया नहीं करते ॥ टेर ॥
घर में नार खुबारजा होतो घर बस्या नहीं करते।
बिना तेल बाती के दीपक, चस्या नहीं करते ॥
समझदार नर बुरे काम में, फंस्या नहीं करते।
बिनां चूक विद्वान सभां में, हंस्या नहीं करते ॥
झूठे नर की बातों सें दिल, भरया नहीं करते ॥ १ ॥
जुलम ज्यादती ज्यादा दिन तक, चल्या नहीं करते।
बिना भाग सन्तों के दर्शन, मिल्या नहीं करते ॥
ऋतु आये बिन पान फूल फल, खिल्या नहीं करते।
गर्म नीर से गांव कदे भी, जल्या नहीं करते ॥
शूरवीर अपना प्रण करके, फिरया नहीं करते ॥२ ॥
धर्म करे से दानी के धन घट्या नहीं करते।
मूंजी नर के हाथों से धन, बंट्या नहीं करते ॥
शूरवीर रणभूमी में जा, हटया नहीं करते।
कायर नर से दुश्मन के सिर कट्या नहीं करते ।।
अकलमन्द नर अंध कूप में नहीं करते ॥ ३ ॥
बिनां ताल स्वर राग रागनी, जच्या नहीं करते।
जुलम डकेती चोरी के धन, पच्या नहीं करते ॥
भले आदमी बेईमानी, रच्या नहीं करते।
घर में भींत पटकले रोला, मच्या नहीं करते ॥
हरनारायण भजन बिन, कोई नहीं करते ॥ ४ ॥
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
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