गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
प्रकाशित: 16 May, 2025
अवगुण बहोत किया गुरू,
रामानंद ऐडा़ ऐडा़ काम किया।
नव नव मांस मैं तो रियो गर्भ,
में जरणी ने बोझ दिया गुरू,
रामानंद अवगुण घणा रे किया।
पेलों रे पांव मैं तो धरियो धरण,
पर धरणी ने बोझ दिया गुरु,
रामानंद अवगुण घणा रे किया।
रूप स्वरूप हमने निजरा सू,
निरखिया निजरा ने दोष दिया,
गुरु रामानंद अवगुण बहुत किया।
कोरी कोरी मटकी में ठंडो ठंडो,
पोणी वोही पोणी ढोल दिया गुरु,
रामानंद अवगुण बहुत किया।
पाप धर्म री रे बोंध गोठड़िया,
सिर पर बोझ किया गुरू,
रामानंद अवगुण बहुत किया।
कहत कबीर सुनो कर जोड़े
शरणो में शिष दिया गुरू,
रामानंद अवगुण बहुत किया।
अवगुण बहुत किया... गुरू,
रामानंद ऐड़ा ऐड़ा काम किया।
प्रकाशित: 16 May, 2025
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