राजस्थानी जागरण के 25 प्रसिद्ध दोहे | अर्थ सहित | Rajasthani Jagaran Ke Lokpriya Dohe With Meanings
🌟 राजस्थानी जागरण के 25 प्रसिद्ध दोहे | अर्थ सहित | Rajasthani Jagaran Ke Lokpriya Dohe With Meanings
राजस्थान की धरती केवल वीरों की नहीं, बल्कि भक्ति और अध्यात्म की भी भूमि है। यहाँ जागरण की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है, जहाँ रात भर लोकभाषा में प्रभु नाम का गुणगान किया जाता है। इन जागरणों में बोले जाने वाले दोहे जीवन के गूढ़ सत्य, भक्ति, संयम, और आत्मिक चेतना को सरल भाषा में व्यक्त करते हैं।
नीचे हम आपके लिए लाए हैं 25 प्रसिद्ध राजस्थानी जागरण दोहे अर्थ सहित, जिन्हें आज भी गाँव-गाँव में भक्ति के साथ गाया जाता है।
🪔 दोहे अर्थ सहित
1. **बण में बणो नीळो घोड़ा, पूगल जाणे रै।
सांवरिया सूरत दिखावे, मिरग भरमावे रै।**
अर्थ: प्रभु सांवरे नीले घोड़े पर सवार होकर जा रहे हैं। उनकी सुंदर छवि देखकर मनुष्य माया-मोह में फँस जाता है, जैसे हिरण मृगमरीचिका में।
2. **जागो जागो रे मनवा, प्रभु जी उठ्या बेला।
भजन कर ले नाम जप ले, छोड़ दे माया का मेला।**
अर्थ: हे मन! अब समय है जागने का। प्रभु का नाम जप और इस भौतिक संसार के झूठे आकर्षण को त्याग दे।
3. भोर भई उठ जाग भिखारी, राम नाम सुमिर ले प्यारी।
अर्थ: सुबह हो गई है, अब आलस्य छोड़ प्रभु का स्मरण कर, यही असली धन है।
4. उठ जाग मुसाफिर भोर भई, अब रैन कहाँ जो सोवत है।
अर्थ: हे यात्री (जीव)! जीवन की रात बीत गई है, अब आलस्य मत कर, प्रभु की भक्ति कर।
5. **अजमल जी रो बेटो देवो, गढ़ सिरी मंडल वारो।
नानक जी सा भक्त हुवो, नाम समरथ रटण हारो।**
अर्थ: संत अजमल जी के पुत्र देवाजी जैसे महान संत हुए जिन्होंने नाम जप कर मोक्ष पाया। जैसे गुरु नानक ने।
6. राम रटा साँचो भलो, बाकी तो सब झूठो मेल।
अर्थ: राम नाम का जाप ही सच्चा है, बाकी संसार का आकर्षण केवल दिखावा है।
7. **राम रमी रही री नारी, ऊँचो भाग धर्यो।
सद्गुरु संगति मिल गी, भवसागर तर गयो।**
अर्थ: जो नारी राम नाम में रमी रहती है, उसका भाग्य श्रेष्ठ है। उसे सद्गुरु का संग प्राप्त हुआ और वह संसार सागर पार हो गई।
8. **साँई इतना दीजिए, जा में कुटुंब समाय।
मैं भी भूखा ना रहूं, साधु ना भूखा जाय।**
अर्थ: हे प्रभु! मुझे इतना दो कि मेरा परिवार भी खुश रहे और कोई भूखा साधु भी न लौटे।
9. नर तन दुर्लभ बार-बार ना पावे, जपले राम नाम नाहीं पछतावे।
अर्थ: मनुष्य शरीर बार-बार नहीं मिलता, राम नाम जप और जीवन को सार्थक बना।
10. जीवन रो भरोसो कोनी, साँस री डोरी हाडे में।
अर्थ: जीवन क्षणभंगुर है, साँसों की डोर बहुत नाजुक है। किसी भी पल टूट सकती है।
11. सच्चो प्रेम सिखावण आयो, झूठी प्रीत मिटावण आयो।
अर्थ: संतों का उद्देश्य सच्चे प्रेम को सिखाना और झूठे मोह को मिटाना होता है।
12. घड़ी भर को भरोसो कोनी, साँस चाले तो जीवो जाणी।
अर्थ: एक पल का भी भरोसा नहीं, अगर साँसें चल रही हैं तो खुद को जीवित मानो।
13. नाम बिना सब झूठो लागे, नाम सुमरते भवपार भागे।
अर्थ: प्रभु नाम के बिना सब माया है, नाम स्मरण से ही जीवन सार्थक होता है।
14. सतगुरु मिल्यो तो सब पायो, ज्ञान रत्न उर में समायो।
अर्थ: जो सच्चे गुरु से मिल जाता है, वह जीवन के सभी रत्न पा लेता है।
15. राम नाम बिन और सब फसाना, जाग रे प्राणी अब तो जमाना।
अर्थ: राम नाम को छोड़कर बाकी सब भ्रम है। अब समय है जागने का।
16. जाग रे प्राणी, नाम ले राम रो, नींद में सब गवायो काल रो।
अर्थ: हे जीव! प्रभु का नाम जप, नींद और आलस्य में तूने अमूल्य जीवन गंवा दिया।
17. कर ले भजन प्रभु नाम को, बाकी सब संसार जंजाल को।
अर्थ: प्रभु का नाम ही सच्चा सहारा है, बाकी सब संसार का झंझट है।
18. गुरु बिना ज्ञान कोनी आवे, ज्ञान बिना मुक्ति कोनी पावे।
अर्थ: बिना गुरु के ज्ञान संभव नहीं, और बिना ज्ञान के मोक्ष नहीं।
19. राम भजो रे मना, काल बस ना आवे।
अर्थ: काल (मृत्यु) किसी के वश में नहीं है, इसलिए राम नाम का स्मरण करो।
20. **जागो रे जागो, आज रैना बीत गी।
राम नाम बिन जिंदगानी री कीमत कोनी।**
अर्थ: आज जीवन की रात बीत चुकी है, अब राम नाम ही जीवन की सच्ची पूंजी है।
21. राम नाम नी सीड़ी चढ़ जा, मोक्ष द्वार तू खोल जा।
अर्थ: प्रभु नाम की सीढ़ी पर चढ़कर ही मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
22. प्रभु नाम रो जाप कर प्यारे, काज सब सरे रे न्यारे।
अर्थ: राम नाम का जाप सब कामों को सरल कर देता है।
23. नाम बिन जीवन अधूरो, संसार तो माया को झूरो।
अर्थ: राम नाम के बिना जीवन अधूरा है, ये संसार तो बस माया का जाल है।
24. साध संगत करले प्यारा, भवसागर ते तारे न्यारा।
अर्थ: संतों की संगति से जीवन नैया पार हो सकती है।
25. राम नाम रो दीप जला ले, अंतर ज्ञान को उजास भर ले।
अर्थ: प्रभु नाम का दीप जलाकर मन में आत्मज्ञान का उजाला कर।
✨ निष्कर्ष (Conclusion)
राजस्थानी दोहे केवल भक्ति के गीत नहीं हैं, बल्कि जीवन मार्गदर्शक श्लोक हैं, जो आत्मा को झकझोरते हैं। जब आप इन दोहों को भाव से गाते हैं, तो ये केवल शब्द नहीं रहते – ये एक आध्यात्मिक अनुभव बन जाते हैं।
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