हेला पे हेलो देऊ मारी माँ सोना रा झांझर बाजना भजन लिरिक्स
हेला पे हेलो देऊ मारी माँ | सोना रा झांझर बाजना भजन लिरिक्स
थाने हेला पे हेलो ,
देऊ मारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
थारे पगा तो उबाणी,
आऊँ म्हारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओ थारा माता पे टिकलो,
ल्याई म्हारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओ थारा पगा में पायल,
ल्याई म्हारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओ थारा ऊँचा डूंगर पर,
आई म्हारी माँ।
पैड़ियाँ की चढाई,
ऊँची पड़े म्हारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
बरवाड़ा नगरी में म्हारी,
माताजी को धाम है।
ओ थारा माता पे टिकलो,
ल्याई म्हारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
थारा हाथां में चुडलो,
ल्याऊं म्हारी माँ २,
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओ थारे कमर कणगति,
ल्याई म्हारी माँ २,
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओ थारी मंडली में,
महिमा गाऊँ म्हारी माँ २,
थारे चेतन सैनी गुण,
गावे म्हारी माँ २,
शेर की सवारी प्यारी,
लागे म्हारी माँ।।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
ओह थारे सोना रा झांझर,
बाजे म्हारी माँ २,
दुरां रा आवे थारे जातरी,
मैया दुरां रा आवे थारे जातरी।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
थारे पगा तो उबाणी,
आऊँ म्हारी माँ,
थाने हेला पे हेलो ,
देऊ मारी माँ।
सोना रा झांझर बाजणा,
मैया सोना रा झांझर बाजणा।।
🙏 FAQs for "Hela Pe Helo Deu Mari Maa – Sona Ra Jhanjhar Bajna" Bhajan
Q1: "हेला पे हेलो देऊ मारी माँ" भजन किस देवी को समर्पित है?
Ans: यह भजन देवी माँ दुर्गा/शेरावाली/कालिका को समर्पित है, जो राजस्थानी संस्कृति में माँ शक्ति के रूप में पूजित हैं।
Q2: इस भजन में 'सोना रा झांझर बाजना' का क्या अर्थ है?
Ans: इसका मतलब है – "सोने की पायल (झांझर) की आवाज़ गूंज रही है", जो माँ के आने का संकेत देती है। यह देवी माँ की सुंदरता और शक्तिशाली उपस्थिति को दर्शाता है।
Q3: यह भजन किस अवसर पर गाया जाता है?
Ans: यह भजन खासतौर पर नवरात्रि, गरबा, जगराता, और माँ के पूजन उत्सवों में गाया जाता है।
Q4: यह किस भाषा में है?
Ans: यह भजन राजस्थानी भाषा में है, जिसमें हल्का ब्रज या हिंदी मिश्रण भी देखने को मिलता है।
Q5: क्या यह भजन नृत्य के साथ गाया जाता है?
Ans: हाँ, यह भजन अक्सर गरबा, डांडिया, या फोक नृत्य के साथ गाया और प्रस्तुत किया जाता है।
Q6: "हेला पे हेलो" का क्या भाव है?
Ans: "हेला पे हेलो" एक लोक अभिवादन और उत्सव का संकेत है, जैसे – माँ को पुकारना, उत्साह में आवाज देना।
Q7: क्या यह भजन यूट्यूब और म्यूजिक ऐप्स पर उपलब्ध है?
Ans: जी हाँ, यह भजन कई राजस्थानी लोक गायकों द्वारा यूट्यूब, स्पॉटिफाई, और अन्य संगीत ऐप्स पर उपलब्ध है।
Q8: क्या यह भजन बच्चों या स्कूल प्रोग्राम में गाया जा सकता है?
Ans: हाँ, गरबा या देवी पूजन से जुड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में यह भजन बच्चों के लिए भी उपयुक्त है।
Q9: क्या इसका कोई DJ या डांडिया वर्ज़न भी है?
Ans: जी हाँ, इस भजन के कई आधुनिक DJ और डांडिया वर्ज़न भी हैं जो युवा वर्ग में काफी लोकप्रिय हैं।
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