गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
प्रकाशित: 16 May, 2025
मन रे मत कर सोच विचारा
कर्तानाथ सभी का मालिक, सबको पोषणहार ।। टेर ।।
गर्भ वास में रक्षा कीनि, वो है सर्जनहारा।
खानपान की चिन्ता उनको, दूध आँचल में डारा । ।1 ।।
बालक रूप वर्ण अति सुन्दर, सबको लागत प्यारा।
दन्त बतिसी मुख में नाँही, वो दूध पिलावन हारा । |2 ||
होस हुया जब सुरत सम्भाली, पहरे चीर हजारा।
अन्नदेव की खुद्धया जागी, वो रचिया अन्न अपारा ।।3।।
गुलाबयति गुरू सत समझावे, सिमरो सर्जनहारा।
गंगायति कहे वो सबने पुरे, कर्मगति अनुसारा । ।4।।
प्रकाशित: 16 May, 2025
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