मेरे दाता के दरबार में सब लोगो का खाता भक्ति भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 02 Jun, 2025
मन रे मत कर सोच विचारा – भजन लिरिक्स | Bhakti Bhajan Diary
"मन रे मत कर सोच विचारा" एक प्रसिद्ध भजन है जो भगवान की महिमा, उनके सर्जन, और जीवन के सत्य को दर्शाता है। इस भजन के माध्यम से हमें भगवान की सर्वशक्तिमानता और उनकी पोषण देने की क्षमता का आभास होता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी चिंताओं और परेशानियों को भगवान के चरणों में समर्पित करना चाहिए।
मन रे मत कर सोच विचारा,
कर्तानाथ सभी का मालिक, सबको पोषणहारा।। टेर।।
गर्भ वास में रक्षा कीनि, वो है सर्जनहारा।
खानपान की चिन्ता उनको, दूध आँचल में डारा।। 1।।
बालक रूप वर्ण अति सुन्दर, सबको लागत प्यारा।
दन्त बतिसी मुख में नाँही, वो दूध पिलावन हारा।। 2।।
होस हुया जब सुरत सम्भाली, पहरे चीर हजारा।
अन्नदेव की खुद्धया जागी, वो रचिया अन्न अपारा।। 3।।
गुलाबयति गुरू सत समझावे, सिमरो सर्जनहारा।
गंगायति कहे वो सबने पूरे, कर्मगति अनुसारा।। 4।।
यह भजन हमें भगवान के आशीर्वाद और उनके द्वारा दी गई पोषण शक्ति के बारे में बताता है। भगवान ने सृष्टि की रचना की और सभी जीवों के जीवन को संरक्षित किया। उनके द्वारा किए गए हर कार्य में एक गहरी शक्ति और उद्देश्य है। इस भजन में भगवान की महिमा का वर्णन किया गया है और हमें यह संदेश मिलता है कि हमें जीवन के हर पहलू को उनके प्रति आस्था और विश्वास के साथ जीना चाहिए।
Inner Peace: This bhajan brings peace and tranquility to the mind by reminding us of the divine presence and protection of God.
Strength & Faith: It strengthens our faith in God’s providence and encourages us to trust in His plans.
Spiritual Growth: The bhajan serves as a tool for spiritual growth, allowing the devotee to connect deeply with divine energy.
"मन रे मत कर सोच विचारा" भजन का गहन संदेश है कि हमें जीवन की कठिनाइयों और परेशानियों में भगवान पर विश्वास रखना चाहिए। यह भजन हमारे दिल में भक्ति और विश्वास को जगाता है, जिससे हम जीवन में सच्चे मार्ग पर चल सकते हैं।
"मन रे मत कर सोच विचारा" भजन का अर्थ है कि हमें अपनी सोच को शांत करना चाहिए और भगवान पर विश्वास रखना चाहिए। यह भजन हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।
यह भजन विभिन्न भजन गायकों द्वारा गाया गया है, लेकिन मुख्य रूप से यह भक्तिगीत के रूप में प्रचलित है।
यह भजन धार्मिक स्थलों, भजन संध्याओं, और घरों में गाया जाता है। यह भजन भक्ति भाव को बढ़ाने में सहायक होता है।
इस भजन का महत्व भगवान के प्रति आस्था और विश्वास को प्रगाढ़ करना है। यह हमें जीवन के कष्टों में धैर्य रखने और भगवान के आशीर्वाद को महसूस करने की प्रेरणा देता है।
जी हां, इस भजन को नियमित रूप से गाने से मानसिक शांति मिलती है और भगवान की कृपा बनी रहती है। यह भजन मन को स्थिर और शांत करता है।
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प्रकाशित: 02 Jun, 2025
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