निर्गुणी सत्संगी भजन लिरिक्स हिंदी में
जिसके जप तप से मिलता है, तन मन को आराम भजन हिंदी लिरिक्स
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जिसके जप तप से मिलता है, तन मन को आराम भजन हिंदी लिरिक्स
जिसके जप तप से मिलता है, तन मन को आराम,
वो राधा का श्याम, वो मीरा का घनश्याम,
सारे जग का एक खेवैया, सबका पार लगैया,
मीरा का घनश्याम कहे कोई, राधा का वो कन्हैया,
सबके मन को शीतल करता, वो प्यारा सा नाम ll
राधा का वो रास रचैया, मीरा के करुणाकर,
धन्य किया मीरा को प्रभु ने, अपना दरश दिखाकर,
अमर हुए हैं भक्त प्रभु के, करे जो ऐसा काम ll
राधे श्याम की मूरत जग में, लगती बड़ी सुहानी,
मीरा जैसी भक्ति रंग में, डूबे जो भी प्राणी,
तन मन धन से रहे समर्पित, प्रभु में आठों याम ll
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