थाने सतगुरु मारे हैला रे नर | राम सुमिर नर गैला भजन लिरिक्स

    रति नाथ भजन

    • 20 Feb 2024
    • Admin
    • 877 Views
    थाने सतगुरु मारे हैला रे नर | राम सुमिर नर गैला भजन लिरिक्स
    थाने सतगुरु मारे हैला रे , नर राम सुमिर नर गैला । 
     
    सतगुरु आकार बाग लगाया, बीज बो दिया चेला । 
    कच्चे पक्के का ध्यान ना राखे, फूल खिलया अलबेला ॥
     
    कोडी कोडी माया जोड़ी , जोड़ भराया नर थैला । 
    निकलाया सांस बिखर गयी देह , संग चलया ना ठेला ॥
     
    एक डाल दो पक्षी बेठया, कोण गुरु कुन चेला ।
    गुरु की करणी गुरुजी जागा , चेले की करणी चेला ॥
     
    मन मिले का मैला करिये, चित मिले का चैला । 
    कहे मच्छन्दर सुन जती गोरख, सबसे भला अकेला रे ॥
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