सुख थोड़े दुख घणे जगत में - मारवाड़ी भजन लिरिक्स

    रति नाथ भजन

    • 7 Jun 2025
    • Admin
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    सुख थोड़े दुख घणे जगत में - मारवाड़ी भजन लिरिक्स
    सुख थोड़े दुख घणे जगत में, भोग्या कष्ट सरै राणी ।
    किस किस के दुख दूर करे,या दुनियां दुखी फिरे राणी ।।
     
    कीड़ी कण, बिन हाथी मण बिन,नागिन फण बिन दुखिया सै ।
    चकवी मिलन बिन,बांझ जणन बिन,सती सजन बिन दुखिया सै।
    केहरि बन बिन,सूरा रण बिन,भूखा अन्न बिन दुखिया सै ।
    विषय भोग बिन,इन्द्री मन बिन,कंगला धन बिन दुखिया सै।
    पंछी गगन बिन दुखिया सै जो पिंजरे आन घिरे राणी ।।
     
    मात कुलछणी, मूरख बेटा, फूहड़ नारी दुखी करै ।
    बाप के मौसी, बुरा पड़ोसी , ओछी यारी दुखी करै ।
    चुगली चर्चा, जुआ जामनी, चोरी जारी दुखी करै ।
    पट पर खेती, फसल पछेती, कोढ़ी क्यारी दुखी करै।
    गुप्त बीमारी दुखी करे जब चिंता चित्त चरे राणी ।।
     
    खेत उगाला माघ में पाला, खुंडा फ़ाला दुखी करे ।
    भींत में आला, पछित में खाला, घर मे साला दुखी करे।
    थोथा नाला दे काढ़ दिवाला, बिगड्या ताला दुखी करे।
    दाल में काला, पांव में छाला, आंख में जाला दुखी करे।
    खर्च कुढ़ाला दुखी करे, यो कर्जा दुखी करे राणी ।।
     
    बालू की भींत,नीच की बस्ती, गाल मचोड़ा दुखी करे।
    कडवो भैंस बोलणी ऊंटनी,बैल लतोड़ा दुखी करे ।
    मंजिल दूर की बोझ घणा हो, जातर थोड़ा दुखी करें ।
    खोरी झोटा, सांड मारना अड़ियल घोड़ा दुखी करें ।
    रग पर फोड़ा दुखी करे, यो फूटे और भरे राणी ।
     
    गरीब सताना, रोब जमाना, क्रोध जगाना दुखी करे ।
    मेला बाना लागे लाणा, गांव में थाना दुखी करें ।
    गलती में आना, से मैं उलाणा, बेर पुराना दुखी करें ।
    ज्यादा खाना, पैदल जाना, दूर सिमाणा दुखी करें ।
    सुर बिन गाना दुखी करें, यो न्यू "जगदीश" डरे राणी ।।
     
    बोल नाथ जी महाराज की जय
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