शिवजी की आरती (ॐ जय शिव ओंकारा) लिरिक्स

    Shiv Bhajan

    • 26 Feb 2025
    • Admin
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    शिवजी की आरती (ॐ जय शिव ओंकारा) लिरिक्स

    ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
    ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे।
    हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
    त्रिगुण रूप निरखत त्रिभुवन जन मोहे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
    त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
    सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    कर के मध्य कमण्डल चक्र त्रिशूलधारी।
    जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
    प्रणवाक्षर के मध्ये ये तीनों एका॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा।
    भांग धतूरे का भोजन, भस्मी में वासा॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला।
    शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
    नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥ ॐ जय शिव ओंकारा॥
    त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे।
    कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
    ॐ जय शिव ओंकारा॥ स्वामी ॐ जय शिव ओंकारा॥


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