पिछम धरा में राजा रामदेव वे जोधा अजमल वाला हिंदी भजन लिरिक्स

    रामदेव जी भजन

    • 8 Jul 2024
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    पिछम धरा में राजा रामदेव वे जोधा अजमल वाला हिंदी भजन लिरिक्स

    पिछम धरा में राजा रामदेव वे जोधा अजमल वाला हिंदी भजन लिरिक्स

     

    पिछम धरा में राजा रामदेव,
    वे जोधा अजमल वाला।

    श्लोक पूंगलगढ़ रा उजड्या बाग़ में ,
    जद तंदुरो खनकायो,
    डाल डाल में सरगम गुंजी ,
    पत्तो पत्तो हर्षायो।
    लेवे वारना मनसा मालन ,
    जद शरणा शीश निवायो,
    सुन सुन कलिया गजरो बनायो ,
    मारा बाबा ने पहरायो।।


    पिछम धरा में राजा रामदेव,
    वे जोधा अजमल वाला,
    दड़िया रमता देत मारियो,
    बालीनाथ ने है प्यारा,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    रनक भवन में गणपति जागा,
    देव निराला सुंडाला,
    विघ्नविनाशक मंगल दाता,
    रिद्धि रिद्धि का है संगवाला,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    कैलाश पर्वत शिवजी विराजे,
    वे जोधा निराकार,
    जटा मुकुंट में गंगा विराजे,
    पार्वती ने है प्यारा,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    ब्रह्म लोक में ब्रह्मा जागे,
    सात समंदर रखवाला ।
    पल में दाता सृस्टि रसाई,
    ए दाता रसने वाला ।।
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    चुन चुन कलियॉ माला बनाई,
    डाल डाल में जनकारा,
    कोयल मीठा गीत सुनावे,
    बोले मोरिया मतवाला,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    रुणिजे रा राजा रामदेव,
    खोलो थी भक्तारा ताला,
    हरी शरणे भाटी हरजी बोलिया,
    आप धणी हो रखवाला,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।


    पिछम धरा में राजा रामदेव,
    वे जोधा अजमल वाला,
    दड़िया रमता देत मारियो,
    बालीनाथ ने है प्यारा,
    राम रणुजे रात पधारी,
    अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
    मनसा मालन गुण थारा गावे,
    उठो कंवर पेरो माला रे।।

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