Ve Sunarya Karma Waleya Bhajan Lyrics | वे सुनरिया कर्मा वालिया भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 09 Jul, 2025
दोहा –
रामा काहू के रामदेव,
हीरा काहू के लाल,
जाने मिलिया रामदेव,
वाने किना निहाल।
हरजी भगत है आगला,
आज काल का नाय,
जिण दिन धणी लंका चढ़िया,
हरिनंद दल रे माय।
हरजी ने हर मिलिया,
आड़े मारग आय,
पूजण ने दियो घोड़लो,
दूध पीवण ने गाय।
भजन के बोल :-
लिलो लिलो घोड़लियो, मनड़ो मोय लियो सा ।। टेर।।
लिलो लिलो घोड़लियो,
मनड़ो मोय लियो सा,
मैं पैदल पैदल आवा,
शरणा में शीश नवावा,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
पिता अजमल जी ने,
परचो पावियो रे,
बाबो उफनतोड़ो दूध,
ठरावियो रे,
पिता मन हरसावे,
बँजिया री मेनी भंगावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
माता मैणादे ने परचो,
पावियो रे,
बाबो उफनतोड़ो दूध,
ठरावियो रे,
मैणादे हरसावे,
माँ पालनिये पोढावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
लखि बिनजारा ने परचो,
पावियो रे,
बाबो मिश्री रो लूण,
बनावियो रे,
लखि बिनजारो घबरावे,
शरणा में शीश नवावे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
बाई सुगणा ने परचो,
पावियो रे,
बाबो मरियोडो भाणु,
निवावियो रे,
बाई सुगणा मन हरसावे,
बाबो दोड़यो दोड़यो आवे,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
हरि रे शरणा में भाटी,
बोलिया रे,
बाबो दुखड़ा में हाजर,
होविया रे,
मने हरदम शरणा में राखो,
भगता रे बेली आवो,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
लिलो लिलो घोडलियो,
मनड़ो मोय लियो सा,
मैं पैदल पैदल आवा,
शरणा में शीश नवावा,
मारो बाबा दुखड़ा मेटसी रे।।
गायक / प्रेषक – सुभाष नाथजी
Q1: यह भजन किसके लिए गाया जाता है?
यह राजस्थानी भजन बाबा रामदेव (समर्थनाथ) को समर्पित है, जिन्हें लोक रूप में मान्यता मिली है।
Q2: "लियो सा" व "घोड़लियो" का भाव क्या है?
इसका अर्थ है – “उन्होंने मुझे घोड़ा दिया है।” यहां भक्त की झलक है कि बाबा ने उन्हें आशीर्वाद स्वरूप घोड़ा प्रदान किया।
Q3: “दूध पीवण ने गाय” में क्या संदर्भ है?
यह दर्शाता है कि बाबा भोग के रूप में दूध और गाय प्रदान कर रहे हैं – भक्ति और सेवा की सांकेतिक परंपरा।
Q4: "बाबा दुखड़ा मेटसी रे" का क्या अर्थ है?
इसका मतलब है – “बाबा मेरे दुख मिटाने आए हैं” – यानी भक्त के दुखों का अंत करने के लिए उनकी कृपा।
Q5: यह भजन किस भाषा में है?
यह मुख्य रूप से राजस्थानी भाषा में है जिसमें कुछ हिंदी शब्द भी शामिल हैं।
Q6: इस भजन को कब गाया जाता है?
यह भजन खासकर बाबा रामदेवजी के मेले, लोक उत्सवों और भक्तिमय कीर्तनों में गाया जाता है।
Q7: क्या यह भजन यूट्यूब/ऑडियो पर उपलब्ध है?
हाँ, यह भजन कई राजस्थानी दलों द्वारा रिकॉर्ड किया गया है और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर उपलब्ध है।
Q8: क्या इसके साथ कोई नृत्य या लोकरंग जुड़ा है?
जी हाँ, इस भजन के साथ अक्सर राजस्थानी लोक नृत्य (गरबा/घूमर) और ढोलक-मंजीरे की संगत होती है।
प्रकाशित: 09 Jul, 2025
प्रकाशित: 09 Jul, 2025
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