फकीरी अलबेला रो खेल भजन लिरिक्स | Kayar Sak Na Jhel Fakiri Lyrics

    रति नाथ भजन

    • 18 Mar 2024
    • Admin
    • 2829 Views
    फकीरी अलबेला रो खेल भजन लिरिक्स | Kayar Sak Na Jhel Fakiri Lyrics

    कायर सके ना झेल, फकीरी अलबेला को खेल॥टेर॥

    ज्यूँ रण माँय लडे नर सूरा, अणियाँ झुक रहना सेल।
    गोली नाल जुजरबा चालै, सन्मुख लेवै झेल॥1॥

    सती पति संग नीसरी, अपने पिया के गैल।
    सुरत लगी अपने साहिब से, अग्नि काया बिच मेल॥2॥

    अलल पक्षी ज्यूँ उलटा चाले, बांस भरत नट खेल। 
    मेरु इक्कीस छेद गढ़ बंका, चढ़गी अगम के महल॥3॥

    दो और एक रवे नहीं दूजा, आप आप को खेल। 
    कहे सामर्थ कोई असल पिछाणै, लेवै गरीबी झेल॥4॥


    FAQs :- 

    Q1: फकीरी अलबेला रो खेल भजन किसने लिखा है?
    Ans: यह एक पारंपरिक राजस्थानी भजन है जिसे संतों द्वारा गाया गया है। इसका लेखक स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह संत भक्ति पर आधारित है।

    Q2: Kayar Sak Na Jhel Fakiri का मतलब क्या है?
    Ans: इसका अर्थ है – "कायर (कमजोर मन वाला) व्यक्ति फकीरी का बोझ नहीं सह सकता।" यह भजन आत्मा की शक्ति और साधना को दर्शाता है।

    Q3: यह भजन किस भाषा में है?
    Ans: यह भजन राजस्थानी भाषा और ब्रज मिश्रित हिंदी में है।

    Q4: इस भजन का भाव क्या है?
    Ans: इस भजन में फकीरी और त्यागमयी जीवन की महिमा बताई गई है। यह भक्ति और आत्मज्ञान पर आधारित है।

    Q5: क्या मैं इस भजन के वीडियो या ऑडियो सुन सकता हूँ?
    Ans: हाँ, यह भजन यूट्यूब या अन्य भक्ति संगीत प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। वहाँ आप इसे संगीत के साथ सुन सकते हैं।

     

    Share This Post:
    WhatsApp Group Join Now
    Telegram Group Join Now

    Popular Bhajan Lyrics

    Stay Connected With Us