रति नाथ बाबा के भजन | लिरिक्स व PDF
हर भज हर भज हीरा परख ले, समझ पकड़ नर मजबूती लिखित भजन डायरी
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
हर भज हर भज हीरा परख ले,
हर भज हर भज हीरा परख ले, समझ पकड़ नर मजबूती ।
अष्ट कमल पर खेलो मेरे दाता, और बारता सब झूठी ॥टेर॥
इन्द्र घटा ज्यूँ म्हारा सतगुरु आया, आँवत ल्याया रंग बूँटी ।
त्रिवेणी के रंग महल में साधा लाला हद लूटी ॥1॥
इण काया में पाँच चोर है, जिनकी पकड़ो सिर चोटी ।
पाँचवाँ ने मार पच्चीसाँ ने बसकर, जद जाणा तेरी बुध मोटी ॥2॥
सत सुमरण का सैल बणाले, ढाल बणाले धीरज की ।
काम, क्रोध ने मार हटा दे, जद जाणा थारी रजपूती ॥3॥
झणमण झणमण बाजा बाजै, झिलमिल झिलमिल वहाँ ज्योति ।
ओंकार के रणोकार में हँसला चुग गया निज मोती ॥4॥
पक्की घड़ी का तोल बणाले, काण ने राखो एक रती ।
शरण मच्छेन्द्र जति गोरक्ष बोल्या, अलख लख्या सो खरा जती ॥5॥
WhatsApp Group
Join Now
Telegram Group
Join Now
Leave Message