चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया लिखित भजन लिरिक्स

    रति नाथ भजन

    • 27 Feb 2024
    • Admin
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    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया लिखित भजन लिरिक्स

    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया।
    सतगुरु आके जगा दिया धनगुरु आके जगा दिया।

    कोन था में कहां से आया ना जाने क्या नाम था।
    कृपा भई गुरुदेव की म्हाने प्रेम का प्याला पिला दिया ।
    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया।
    सतगुरु आके जगा दिया धनगुरु आके जगा दिया।

     
    जनम जनम की भूल थी भूली वस्तु अनमोल थी।
    कृपा भई गुरुदेव की म्हाने मोह माया से बचा लिया।
    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया।
    सतगुरु आके जगा दिया धनगुरु आके जगा दिया।

     

     
    मोती था एक सीप में सीप समन्दर डार दिया।
    कृपा भई गुरुदेव की म्हाने कागा से हंसा बणा दिया ।
    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया। सतगुरु आके जगा दिया
    धनगुरु आके जगा दिया।

    नानक नाम प्रकाश था गुरु चरणों का दास था।
    कृपा भई गुरुदेव की म्हाने सांचा मार्ग बता दिया।
    चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया।

    सतगुरु आके जगा दिया धनगुरु आके जगा दिया।


    FAQs (Frequently Asked Questions)

    Q1: "चोरासी की नींद में सतगुरु आके जगा दिया" का क्या अर्थ है?
    A: इसका अर्थ है कि आत्मा 84 लाख योनियों के चक्र में सोई हुई थी, और सतगुरु ने आकर उस आत्मा को आध्यात्मिक ज्ञान से जागृत कर दिया। यह आत्मिक मुक्ति का प्रतीक है।


    Q2: इस भजन में 'चोरासी' का क्या तात्पर्य है?
    A: ‘चोरासी’ का तात्पर्य 84 लाख योनियों से है, जिनमें जीव आत्मा जन्म-जन्मांतर तक भटकती रहती है। सतगुरु की कृपा से यह चक्र टूटता है।


    Q3: इस भजन में 'सतगुरु' का क्या महत्व बताया गया है?
    A: सतगुरु को आत्मा का जागरणकर्ता बताया गया है। वे ही सच्चा मार्ग दिखाते हैं और भक्ति, ध्यान व मोक्ष की राह पर ले जाते हैं।


    Q4: "धनगुरु आके जगा दिया" का क्या भाव है?
    A: यहाँ 'धनगुरु' शब्द गुरु की महिमा को दर्शाता है — ऐसे गुरु जो अमूल्य हैं, जिनकी कृपा से ही आत्मा सोकर जागती है और उसका कल्याण होता है।


    Q5: क्या यह भजन किसी विशेष सम्प्रदाय से जुड़ा है?
    A: यह भजन आमतौर पर निर्गुण भक्ति या संतमत परंपरा से जुड़ा होता है, जैसे कबीर, दादू, रैदास आदि संतों के अनुयायियों द्वारा गाया जाता है।


    Q6: इस भजन को कहाँ गाया जाता है?
    A: इसे सत्संग, ध्यान शिविरों, गुरु पूजा, साधना सत्र और भक्ति आयोजनों में गाया जाता है।


    Q7: क्या इस भजन का कोई प्रसिद्ध गायक है?
    A: यह भजन कई संतवाणी गायकों, लोक भजन गायकों और निर्गुण भक्ति मंडलियों द्वारा गाया जाता है। YouTube पर इसके कई वर्ज़न उपलब्ध हैं।


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