अघोरी वो मसान का लिरिक्स

    Shiv Bhajan

    • 6 Aug 2024
    • Admin
    • 1764 Views
    अघोरी वो मसान का लिरिक्स

    अघोरी वो मसान का लिरिक्स | Aghori Wo Masan Ka Lyrics


    तेरे नाम से नाम हो मेरा शंकर
    ऐसा कुछ कर दो
    कहीं ज़िक्र हो मेरा तो सब चीख पड़े
    जय शिव शम्भू
    कल्पान्तर जो हो या फिर
    आखरी दिन संसार का हो
    तेरे भक्तों की सूची में बस
    पहला नाम निखार का हो
    हा कालघूट पीलू मुझको भी
    मृत्यु मिल जाए
    मंदिर में शिव ना मिला
    शमशान में शायद मिल जाये
    हो भस्म रमाये फिर भी
    कितने सुन्दर लगते हो
    तेरे नाम को ऐसे जपू जैसे
    राम नाम तुम जपते हो
    शंकरा शिवा मिटा दे
    ये भरम जहान का
    के भोला जिसे जग समझ रहा
    अघोरी वो परम मसान का
    शंकरा शिवा मैं मांगू भी
    तो क्या तेरे सिवा
    ना पाए मुझे मौत भी डरा
    जो तू है मेरे साथ में खड़ा

    जग रात रात कोई ना साथ
    कितने आघात कहाँ भोलेनाथ
    विष का प्रसाद मृत्यु का नाद
    डम डम बाजे डमरूननाद
    चंदा ललाट त्रिपुंड माथ
    तेरे मुख है पांच और दसों हाथ
    आऊ कैलाश को लोक पाट
    मिल जाये बस शंकर विराट
    चाहे लाखो मुझको नाट लगे
    या जनम भी 108 लगे
    मेरे तप से शंकर जाग उठे
    पापी मृत्यु के घाट लगे
    चरणों में तेरे जो माथ रखे
    भय के न कभी वो हाथ लगे
    मेरी विजय चीख कर गूंज पड़े
    सर पर शंकर जब हाथ रखे
    हा कालघूट पीलू मुझको भी
    मृत्यु मिल जाए
    मंदिर में शिव ना मिला
    शमशान में शायद मिल जाये
    हो भस्म रमाये फिर भी
    कितने सुन्दर लगते हो
    तेरे नाम को ऐसे जपू जैसे
    राम नाम तुम जपते हो
    शंकरा शिवा मिटा दे
    ये भरम जहान का
    के भोला जिसे जग समझ रहा
    अघोरी वो परम मसान का
    शंकरा शिवा मैं मांगू भी
    तो क्या तेरे सिवा
    ना पाए मुझे मौत भी डरा
    जो तू है मेरे साथ में खड़ा

    अखर्वसर्वमंगलाकलाकदम्बमंजरी
    रसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम् ।
    स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
    गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ।।

    तुम नंदी बैल के प्यारे हो
    तुम पशुपति कल्याणी हो
    कैलाश से बाहर आ शंकर
    आ देख बिलखते प्राणी को
    इंसान बने जो जन्मे थे
    हैवान बने नर नारी वो
    क्या बेजुबान का हाल किया
    अब सुन लो मेरी वाणी को
    निर्दोषों के सर काट रहे
    और लाश के हिस्से बाँट रहे
    एक मुर्दा शव को चाट रहे
    और मांस में हड्डी चाट रहे
    जिनके लिए तूने जहर पिया
    वो खून भी गट गट पीते है
    इंसा खुद को कहने वाले
    असुरों के जैसे जीते है
    वैरागी भोले को अर्पित करते
    ये मोती हिरा
    तेरे भक्त ही तुझसे आँख चुराये
    भोगे मांस मदिरा
    विष के प्याले की बात करे
    मन में ही जहर भरा है
    भय मुक्त बना पापी
    ओ शंकर तेरा कहर कहाँ है
    हा कालघूट पीलू मुझको भी
    मृत्यु मिल जाए
    मंदिर में शिव ना मिला
    शमशान में शायद मिल जाये
    हो भस्म रमाये फिर भी
    कितने सुन्दर लगते हो
    तेरे नाम को ऐसे जपू जैसे
    राम नाम तुम जपते हो
    शंकरा शिवा मिटा दे
    ये भरम जहान का
    के भोला जिसे जग समझ रहा
    अघोरी वो परम मसान का
    शंकरा शिवा मैं मांगू भी
    तो क्या तेरे सिवा
    ना पाए मुझे मौत भी डरा
    जो तू है मेरे साथ में खड़ा

    अखर्वसर्वमंगलाकलाकदम्बमंजरी
    रसप्रवाहमाधुरीविजृम्भणामधुव्रतम् ।
    स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं
    गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ।।

     

    Singer, Composer, Lyricist - Nikhar Juneja

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