आज का हिन्दू पंचांग (14 मई 2025) | भक्ति, भजन, व्रत पर्व, राशिफल, दोष निवारण और स्नान विधि
🌞 आज का हिन्दू पंचांग - 14 मई 2025 🌞
⛅ दिनांक: 14 मई 2025
⛅ दिन: बुधवार
⛅ विक्रम संवत्: 2082
⛅ अयन: उत्तरायण
⛅ ऋतु: ग्रीष्म
⛅ मास: ज्येष्ठ
⛅ पक्ष: कृष्ण
⛅ तिथि: द्वितीया रात्रि 02:29 मई 15 तक तत्पश्चात् तृतीया
⛅ नक्षत्र: अनुराधा सुबह 11:47 तक तत्पश्चात् ज्येष्ठा
⛅ योग: परिघ सुबह 06:34 तक तत्पश्चात् शिव
⛅ राहुकाल: दोपहर 12:36 से 02:15 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅ सूर्योदय: 05:59
⛅ सूर्यास्त: 07:13 (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅ दिशा शूल: उत्तर दिशा में
⛅ ब्रह्ममुहूर्त: प्रातः 04:33 से 05:16 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅ अभिजीत मुहूर्त: कोई नहीं
⛅ निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:14 मई 15 से रात्रि 12:57 मई 15 तक (अहमदाबाद मानक समयानुसार)
⛅ व्रत पर्व विवरण:
-
विष्णुपदी संक्रान्ति (पुण्यकाल 12:23 से सूर्यास्त तक)
-
सर्वार्थसिद्धि योग, अमृतसिद्धि योग (सूर्योदय से सुबह 11:47 तक)
⛅ विशेष: द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंड: 27.29-34)
👉🏻 लाख गुना पुण्य प्राप्त करना मत चूकना⤵
🌷 विष्णुपदी-वृषभ संक्रांति 🌷
➡ जप तिथि : 14 मई 2025 बुधवार को (विष्णुपदी-वृषभ संक्रांति)
पुण्यकाल दोपहर 12:23 से सूर्यास्त तक |
🙏🏻 विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 घर में शांति आने का अद्भुत चमत्कार होगा 🌷
👉🏻 देशी गाय के शुद्ध घी या तिल के तेल का दीपक जलाकर गहरा श्वास ले के रोकें फिर 'ॐ तं नमामि हरिं परम् ।' मंत्र बोलें। ऐसा १५-२० मिनट नियत समय, नियत स्थान पर कुटुम्ब के सभी लोग करें। ३-४ दिन में अद्भुत चमत्कार होगा, घर में शांति होगी।
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 बिना दवा के पेट की सभी बीमारियाँ हो जायेंगी दूर 🌷
👉🏻 एक मास तक प्रतिदिन १०८ बार 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करके सूर्यनारायण के सामने जल पीने से पेट की सभी बीमारियाँ दूर हो जाती हैं।' (लिंग पुराणः ८५.१९३-१९४)
🔹 कब, कहां और कैसे सोना चाहिए? 🔹
हमें शास्त्रों में बताया गया है कि एक व्यक्ति को स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु के लिए शयन के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
-
मनुस्मृति के अनुसार, अकेले सूने घर में नहीं सोना चाहिए। देव मंदिर और श्मशान भूमि में भी शयन से बचना चाहिए।
-
विष्णुस्मृति के अनुसार, सोते हुए व्यक्ति को कभी भी अचानक नहीं जगाना चाहिए।
-
चाणक्यनीति कहती है कि विद्यार्थी, नौकर, और द्वारपाल को समय पर जगाना चाहिए।
-
देवीभागवत और पद्मपुराण में कहा गया है कि स्वस्थ व्यक्ति को ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए और अंधेरे कमरे में सोने से बचना चाहिए।
-
अत्रिस्मृति के अनुसार, गीले पैरों से सोना निषिद्ध है। सूखे पैर से सोने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है।
-
महाभारत कहता है कि टूटी खाट पर और जूठे मुँह से सोना नहीं चाहिए।
-
गौतम धर्म सूत्र के अनुसार, निर्वस्त्र होकर सोना अशुभ है।
-
आचारमय़ूख में लिखा है कि पूर्व दिशा में सिर करके सोने से विद्या और दक्षिण में सोने से आयु और धन की प्राप्ति होती है।
-
दिन में सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, विशेष रूप से ज्येष्ठ मास में 1 मुहूर्त (48 मिनट) के लिए सोने की अनुमति है।
-
सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोने से शरीर में रोग और दरिद्रता आती है।
-
ब्रह्मवैवर्तपुराण के अनुसार, सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद ही शयन करना चाहिए।
-
बायीं करवट सोने से स्वास्थ्य में लाभ होता है।
-
दक्षिण दिशा में पांव करके सोना स्वास्थ्य और आयु के लिए हानिकारक है।
-
शय्या पर बैठकर खाना पीना अशुभ होता है। सोते समय पढ़ने से नेत्रज्योति घटती है।
-
माथे पर तिलक लगाकर सोना नहीं चाहिए, यह स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
FAQs:
1. क्या सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोना ठीक है?
-
नहीं, सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है और यह आयु का ह्रास कर सकता है।
2. क्या ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए?
-
हां, ब्रह्ममुहूर्त में उठने से आयु और स्वास्थ्य दोनों में सुधार होता है।
3. दक्षिण दिशा में पांव करके सोना क्यों हानिकारक है?
-
दक्षिण दिशा में पांव करके सोने से मानसिक और शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, जैसे स्मृति-भ्रंश और बीमारियां।
4. क्या दिन में सोना सेहत के लिए अच्छा है?
-
सामान्यतः दिन में सोना सेहत के लिए हानिकारक है, लेकिन विशेष रूप से ज्येष्ठ मास में 1 मुहूर्त के लिए सो सकते हैं।
🌞 जय हो काल की 🚩
Leave Message