2 मई 2025: आज की पूजा, राशिफल और चोघड़िया का विश्लेषण | शुभ मुहूर्त और उपाय
प्रकाशित: 02 May, 2025
सोच समझकर चाल मन मूरख,
जग में जीना थोड़ा रे,
जग में जीना थोड़ा बंदे,
जग में जीना थोड़ा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
चुन चुन ककरी महल बनाया,
जीव कहे घर मेरा रे,
नहीं घर तेरा नहीं घर मेरा,
चिड़िया रैन बसेरा रे,
नहीं घर तेरा नही घर मेरा,
चिड़िया रैन बसेरा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
जब लग तेल दीवे में बाती,
जब लग तेल दीवे,
जगमग जगमग होरा रे,
जगमग जगमग होरा रे,
बीत गया तेल निमड़ गई बाती,
हो गया घोर अंधेरा रे,
बीत गया तेल निमड़ गई बाती,
हो गया घोर अंधेरा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
हरिया बनाती लाल बनाती,
जैसे दुरंगी घोड़ा रे,
हरिया बनाती लाल बनाती,
जैसे दुरंगी घोड़ा रे,
सांवली सूरत पर घास उगेगा,
चुग चुग जासी डोरा रे,
सांवली सूरत पर घास उगेगा,
चुग चुग जासी डोरा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
बोली तिरया यूं उठ बोली,
बोली तिरया यूं उठ बोली,
बिछुड़ गया मेरा जोड़ा रे,
बिछुड़ गया मेरा जोड़ा रे,
कहत कबीर सुनो भाई साधु,
जिन जोड़ा तिन तोड़ा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
सोच समझकर चाल मन मूरख,
जग में जीना थोड़ा रे,
जग में जीना थोड़ा बंदे,
जग में जीना थोड़ा रे,
सोच समझकर चाल रे मुरख,
जग में जीना थोड़ा रे।।
प्रकाशित: 02 May, 2025
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