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    शिव चालीसा हिंदी में PDF Lyrics | Shiv Chalisa Lyrics

    शिव चालीसा हिंदी में PDF Lyrics | Shiv Chalisa Lyrics
    16 Sep
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    ।दोहा।
    जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
    कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥

    ।चौपाई।
    जय गिरिजापति दीन दयाला । 
    सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
    भाल चन्द्रमा सोहत नीके । 
    कानन कुण्डल नागफनी के॥

     

    अंग गौर शिर गंग बहाये । 
    मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
    वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । 
    छवि को देखि नाग मन मोहे ॥

     

    मैना मातु की हवे दुलारी । 
    बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥
    कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । 
    करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

     

    नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । 
    सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
    कार्तिक श्याम और गणराऊ । 
    या छवि को कहि जात न काऊ ॥

     

    देवन जबहीं जाय पुकारा । 
    तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥
    किया उपद्रव तारक भारी । 
    देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

     

    तुरत षडानन आप पठायउ । 
    लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥
    आप जलंधर असुर संहारा। 
    सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥

     

    त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । 
    सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥
    किया तपहिं भागीरथ भारी । 
    पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

     

    दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं । 
    सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
    वेद नाम महिमा तव गाई । 
    अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥

     

    प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला । 
    जरत सुरासुर भए विहाला ॥
    कीन्ही दया तहं करी सहाई । 
    नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

     

    पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा । 
    जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥
    सहस कमल में हो रहे धारी । 
    कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥

     

    एक कमल प्रभु राखेउ जोई । 
    कमल नयन पूजन चहं सोई ॥
    कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । 
    भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

     

    जय जय जय अनन्त अविनाशी । 
    करत कृपा सब के घटवासी ॥
    दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । 
    भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥

     

    त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो । 
    येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥
    लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
     संकट ते मोहि आन उबारो ॥

     

    मात-पिता भ्राता सब होई । 
    संकट में पूछत नहिं कोई ॥
    स्वामी एक है आस तुम्हारी । 
    आय हरहु मम संकट भारी ॥

     

    धन निर्धन को देत सदा हीं । 
    जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥
    अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी । 
    क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

     

    शंकर हो संकट के नाशन । 
    मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥
    योगी यति मुनि ध्यान लगावैं । 
    शारद नारद शीश नवावैं ॥

     

    नमो नमो जय नमः शिवाय । 
    सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥
    जो यह पाठ करे मन लाई । 
    ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

     

    ॠनियां जो कोई हो अधिकारी । 
    पाठ करे सो पावन हारी ॥
    पुत्र होन कर इच्छा जोई । 
    निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई

     

    पण्डित त्रयोदशी को लावे । 
    ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
    त्रयोदशी व्रत करै हमेशा । 
    ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

     

    धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे । 
    शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥
    जन्म जन्म के पाप नसावे । 
    अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥

     

    कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी । 
    जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

    ।दोहा।
    नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा ।
    तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश ॥

    मगसिर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान ।
    स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥


    🙏 FAQs – शिव चालीसा हिंदी में PDF डाउनलोड के बारे में

    प्रश्न 1: शिव चालीसा क्या है?
    उत्तर: शिव चालीसा भगवान शिव की 40 चौपाइयों वाली एक स्तुति है, जिसे भक्त श्रद्धा और भक्ति से पढ़ते हैं।

    प्रश्न 2: क्या शिव चालीसा हिंदी में PDF डाउनलोड कर सकते हैं?
    उत्तर: हाँ, आप शिव चालीसा को हिंदी में PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं, जो मोबाइल और प्रिंट दोनों के लिए उपयुक्त है।

    प्रश्न 3: शिव चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
    उत्तर: शिव चालीसा का पाठ सोमवार, महाशिवरात्रि, श्रावण मास या प्रतिदिन सुबह-शाम किया जा सकता है।

    प्रश्न 4: क्या शिव चालीसा पाठ से लाभ होता है?
    उत्तर: हाँ, शिव चालीसा का नियमित पाठ मानसिक शांति, स्वास्थ्य और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में सहायक होता है।

    प्रश्न 5: क्या शिव चालीसा मोबाइल में पढ़ सकते हैं?
    उत्तर: बिल्कुल, PDF फॉर्मेट में आप शिव चालीसा को मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप पर भी पढ़ सकते हैं।

    प्रश्न 6: क्या शिव चालीसा का अंग्रेजी ट्रांसलेशन भी उपलब्ध है?
    उत्तर: हाँ, कई वेबसाइट्स और ऐप्स पर शिव चालीसा का अंग्रेजी अर्थ और Roman Transliteration भी उपलब्ध है।

    प्रश्न 7: क्या शिव चालीसा को बिना स्नान किए पढ़ सकते हैं?
    उत्तर: शुद्ध मन और श्रद्धा के साथ कभी भी पढ़ सकते हैं, लेकिन पारंपरिक रूप से स्नान करके पाठ करना उत्तम माना जाता है।

    प्रश्न 8: क्या PDF में शिव चालीसा का ऑडियो लिंक भी होता है?
    उत्तर: कुछ PDF संस्करणों में ऑडियो लिंक या QR कोड दिए होते हैं जिससे आप सुन भी सकते हैं।

     

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