साँसों की माला पे लिरिक्स | Sanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam Lyrics
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
जीवन का श्रृंगार है प्रीतम, माँग का सिन्दूर,
माँग का सिन्दूर,
जीवन का श्रृंगार है प्रीतम, माँग का सिन्दूर,
प्रीतम की नज़रों से गिरकर, जीना है किस काम,
प्रीतम की नज़रों से गिरकर, जीना है किस काम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,
बन गया एक ही रूप,
प्रेम के रंग में ऐसी डूबी, बन गया एक ही रूप,
प्रेम की माला जपते जपते, आप बनी मैं श्याम,
प्रेम की माला जपते जपते, आप बनी मैं श्याम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
प्रीतम का कुछ दोष नहीं है वो तो है निर्दोष,
वो तो है निर्दोष,
अपने आप से बातें कर के, हो गयी मैं बदनाम,
अपने आप से बातें कर के, हो गयी मैं बदनाम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
प्रेम पियाला जब से पिया है, जी का है ये हाल,
जी का है ये हाल,
प्रेम पियाला जब से पिया है, जी का है ये हाल,
अंगारों पे नींद आ जाए, काँटों पे आराम,
अंगारों पे नींद आ जाए, काँटों पे आराम,
साँसों की, साँसों की,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
साँसों की माला पे सिमरूं मैं, पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ, और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे सिमरूं मैं पी का नाम,
अपने मन की मैं जानूँ और पी के मन की राम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम,
साँसों की माला पे, सिमरूं मैं पी का नाम ॥
✅ FAQs for "Sanso Ki Mala Pe Simru Me Pi Ka Naam" Bhajan
Q1: 'साँसों की माला पे सिमरूँ मैं पी का नाम' भजन किसने गाया है?
Ans: यह भजन कई प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा गाया गया है, जिनमें अनुप जलोटा, नरेंद्र चंचल और अनुराधा पौडवाल प्रमुख हैं।
Q2: इस भजन का मतलब क्या है?
Ans: इस भजन का भाव यह है कि भक्त हर सांस में अपने प्रिय (ईश्वर या प्रेमी) का नाम जप रहा है। यह आत्मा की पूर्ण भक्ति और समर्पण को दर्शाता है।
Q3: 'पी' का अर्थ इस भजन में क्या है?
Ans: यहाँ "पी" का अर्थ है "प्रेमी" या "प्रियतम" — जो ईश्वर का प्रतीक भी हो सकता है, विशेष रूप से राधा के लिए कृष्ण।
Q4: यह भजन किस भाषा में है?
Ans: यह भजन हिंदी में है, जिसमें कुछ ब्रज भाषा के शब्दों का भी प्रयोग हुआ है।
Q5: 'साँसों की माला' का भावार्थ क्या है?
Ans: यह दर्शाता है कि जैसे माला में एक-एक मोती होता है, वैसे ही भक्त हर एक सांस को ईश्वर के नाम से जोड़ता है।
Q6: यह भजन किस परंपरा से जुड़ा है?
Ans: यह भजन भक्ति योग और संत परंपरा से जुड़ा है, खासकर मीरा बाई और संत कवियों की भक्ति भावनाओं से।
Q7: क्या यह भजन भक्ति साधना में उपयोग होता है?
Ans: हाँ, यह भजन अक्सर ध्यान, साधना, और कीर्तन में उपयोग होता है, क्योंकि यह भक्त को प्रभु स्मरण में लीन करता है।
Q8: क्या इस भजन में कोई विशेष राग/ताला का प्रयोग होता है?
Ans: पारंपरिक रूप से यह भजन राग भैरवी या यमन में गाया जाता है, लेकिन यह गायक पर निर्भर करता है।
Q9: क्या इस भजन के वीडियो और ऑडियो उपलब्ध हैं?
Ans: हाँ, यह भजन यूट्यूब, स्पॉटिफाई, जियोसावन, और अन्य म्यूजिक प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से उपलब्ध है।
Q10: क्या यह मीरा बाई का लिखा हुआ है?
Ans: यह भजन मीरा बाई की भक्ति शैली से प्रेरित है, लेकिन स्पष्ट रूप से मीरा द्वारा लिखा गया प्रमाणित नहीं है।
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