हो चतुर काना बेगा सा आज्यो सा | राजस्थानी भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
भजन लिरिक्स मालखेत जी
सच्चे मन से सुमरण करके, माल खेत का ध्यान धरो।
सकल पाप कट ज्यावें, जाके लोहागर असनान करो ।। टेर ॥
सूरज राजा तपधारी ने, सूरज कुण्ड बनाया सै।
माल खेत की दया हुई जद अमृत नीर बहाया सै।।
न्हाय धोय के पापी तिरते, शुद्ध हो ज्याती काया सै।
उस नर की धिक्कार जिन्दगी, लोहागर नहीं न्हाया सै।।
सूरज कुण्ड में गोता ले के, याद कृष्ण भगवान करो ॥ १ ॥
भादू मास अमावस के दिन, मेला भरता भारी सै।
दूर दूर से चल के आते, भोत घणें नर नारी सै ।
चौइस कॉस की लगे परक्रमा, परबत की छबि नारी सै।।
टपकेसर असनान करे सें, कट ज्याती बेमारी सै ।।
मालखेत का दरशन करके पुरसत सांरू दान करो ॥ २॥
परबत ऊपर तपे महात्मा, लगन भजन में लागी सै।
काम, क्रोध, मद, लोभ तजे सें, भगती तन में जागी सै॥
गुप्त गुफा में करें तपस्या, माया ममता त्यागी सै।
चरण धोय चरणामृत ले के, सन्तों का सम्मान करो ॥ ३॥
काशी मथुरा जा करके जो लोहागर नहीं आया सै।
मालखेत का दरशन कर, जो सूरज कुण्ड नहीं न्हाया सै ।।
सब तीरथ बेकार करे वो, नाहक जन्म बिताया सै।
हरनारायण सिंगनोर का, भजन बना के गाया सै॥
राम नाम जप नाम निरन्तर, हरि भज के कल्याण करो ॥ ४ ॥
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
प्रकाशित: 26 Jun, 2025
Leave Message