गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
प्रकाशित: 16 May, 2025
यह भजन भगवान भैरू जी की भक्ति में समर्पित है। भैरू जी, जो राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में एक लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं, इस भजन में उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। भैरू जी के बारे में कहा जाता है कि वह भक्तों की परेशानियाँ दूर करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। इस भजन में भक्त भैरू जी के दर्शन की कामना करते हैं और उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, टाबरिया थारी वाट जोवे।
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
थारे दरशन सु काज सरे, थारे दरशन सु काज सरे।
मेवानगरी में थोड़े धाम है मोटो,
महिमा रो नहीं पार जठे, महिमा रो नहीं पार जठे।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, थारे दरशन सु काज सरे।
मेवा रै मिठाई थोड़े तेल चढावे,
मातर सुखड़ी रो भोग लगे, मातर सुखड़ी रो भोग लगे।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, थारे दरशन सु काज सरे।
खड़ग त्रिशूल थोड़े खप्पर सोहे,
डमरू री रुनकार बजे, डमरू री रुनकार बजे।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, थारे दरशन सु काज सरे।
घुंघरू पगा में थारे कानों में कुण्डल,
गले मोतियन री माल सोहे, गले मोतियन री माल सोहे।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, थारे दरशन सु काज सरे।
दूर देशा सु थारे आवे रे जात रू,
अन्न धन रो भण्डार भरे, अन्न धन रो भण्डार भरे।
रूमक झूमक मारा भैरुजी पधारो,
नाकोड़ा रा भैरू बावा वेगा रे पधारो,
टाबरिया थारी वाट जोवे, थारे दरशन सु काज सरे।
इस भजन में भगवान भैरू जी का स्वागत किया गया है। भैरू जी का रूप, उनके आशीर्वाद और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है।
महिमा का वर्णन: भैरू जी के मंदिरों और उनके धामों का उल्लेख करते हुए उनकी महिमा का बखान किया गया है। उनकी पूजा और दरशन से सभी समस्याएँ हल हो जाती हैं और भक्तों को सुख-शांति मिलती है।
पारंपरिक पूजा का विवरण: भैरू जी के लिए मिठाई, तेल, और अन्य प्रसाद चढ़ाने की परंपरा का जिक्र किया गया है।
भैरू जी के आशीर्वाद से समृद्धि: भैरू जी के दर्शन से भक्तों के जीवन में अन्न और धन का भंडार भर जाता है।
आध्यात्मिक तत्व: भैरू जी के त्रिशूल, खड़ग, डमरू और अन्य प्रतीकों के माध्यम से उनके अद्भुत शक्तियों और उनके भक्तों के प्रति प्रेम का संकेत किया गया है।
Q1: भैरू जी कौन हैं?
A: भैरू जी, राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में पूजे जाने वाले लोक देवता हैं। उन्हें संकटों से उबारने और संतान प्राप्ति देने वाला देवता माना जाता है।
Q2: इस भजन का मुख्य संदेश क्या है?
A: भैरू जी के बारे में भक्ति, उनके आशीर्वाद से समस्याओं का समाधान और जीवन में समृद्धि प्राप्त करना इस भजन का मुख्य संदेश है।
Q3: क्या इस भजन का कोई विशेष अवसर है?
A: यह भजन भैरू जी के मंदिरों में उनकी पूजा, खासकर उनकी जयंती और मेला के अवसरों पर गाया जाता है।
🙏 लेखक: लोक भक्ति गीत
श्रेणी: भैरू जी भक्ति गीत, राजस्थान भजन
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
प्रकाशित: 16 May, 2025
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