गिरधारी आज मायरो भर दे नेनी बाई को | Nani Bai Ko Mayro Bhajan Lyrics In Hindi
प्रकाशित: 17 Jun, 2025
दोहा :
★★★
नरसी निर्धन जाण के डेरा दिया सहू ठौड़,
सीचड़ माछर जव घणा वे खावे तोड़ तोड़।
★★★
और आसरो छोड़ आसरो,
लीनो कवर कनाई को,
हे गिरधारी आज मायरो,
भरजा नैनी बाई रो।
असुर सहारण भक्त उबारन,
चार वेद महिमा गाई ज्यो,
ज्यो भीड़ पड़ी भक्तों में,
त्यो त्यो आय करी स्याई,
पृथ्वी लाकर सृष्टि रचाई,
वारा भये सतयुग माई,
असुर मार प्रहलाद बचायो,
प्रकट भये खम्बे माई,
बावन होय बली छल लीनो,
कीनो काम ठगाई को,
हे बनवारी आज मायरो,
भर जा नैनी बाई रो।
और आसरो छोड़ आसरो लीनो,
कवर कनाई को हे गिरधारी आज,
मायरो भर जा नैनी बाई रो।
कसा मसा अवतार धार के
सुर नर की इच्छा पुरी,
आधी रेण गजराज ऊबा,
रियो गरूड़ छोड़ पहुंचे दूरी,
भस्मासुर ने भस्म करायो,
सुंदर रूप धरे हरि नारद,
की नारी ठग लिनी जाकर,
आप चढे चंवरी ! असुरन से,
अमृत ले लीनो.. कीनो वेष,
लुगाई रो हे बनवारी आज,
मायरो भर जा नैनी बाई रो।
और आसरो छोड़ आसरो लीनो,
कवर कनाई को हे गिरधारी आज,
मायरो भर जा नैनी बाई रो।
परशुराम श्री रामचन्द्र भये,
गौतम की नारी तारी भिलणी,
रा फल झूठा खाया शंका,
मेट दीनी सारी करमा के घर,
खीचड़ खायो तारी अदम गिण,
का नारी चलकर नार पुतना,
मारी कुबजा भई आज्ञाकारी,
सैन भगत रा साचा मेटिया,
रूप बणायो हरि नाई रो, हे !
गिरधारी आज मायरो भर
जा नैनी बाई रो।
और आसरो छोड़ आसरो लीनो,
कवर कनाई को हे गिरधारी आज,
मायरो भर जा नैनी बाई रो।
नामदेव रविदास कबीर धना,
भगत रो खेत भरियो,
दुर्योधन रा मेवा त्यागा,
चाल विदूर घर पान कियो,
प्रीत लगाकर गोपियां तारी,
मीरा बाई रो कारज सरियों,
सीर बणायो द्रोपद सुता को,
दुश्शासन रो मान हरियो,
कहे नरसी सुण ले सांवरा,
अब कर ले काम भलाई रो,
हे गिरधारी आज मायरो रो,
भर जा नैनी बाई रो।
और आसरो छोड़ आसरो,
लीनो कवर कनाई को,
हे गिरधारी आज मायरो,
भर जा नैनी बाई रो
यह भजन राजस्थान और गुजरात में प्रसिद्ध "नेनी बाई का मायरा" कथा पर आधारित है, जिसमें एक भक्त स्त्री नेनी बाई का विवाह बिना मायरे (दहेज/भेंट) के होना था। जब कोई भी नहीं आया, तब स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने मायरा भरने का वचन दिया और उसे निभाया। यह भजन भक्ति, आस्था और ईश्वर की कृपा का प्रतीक है।
उत्तर: यह भजन नेनी बाई की मायरा कथा पर आधारित है, जिसमें श्रीकृष्ण ने भक्त नेनी बाई के विवाह में मायरा (भेंट) भरने का वचन निभाया था।
उत्तर: नेनी बाई एक महान भक्त थीं जिनका विवाह निर्धनता के कारण मायरे के बिना होने वाला था। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं आकर मायरा भरा और समाज को सच्ची भक्ति का महत्व बताया।
उत्तर: यह भजन मुख्य रूप से राजस्थानी और हिंदी में गाया जाता है और भक्ति रस में डूबा हुआ होता है।
उत्तर: यह भजन राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है, विशेषकर महिला सत्संगों और मायरा आयोजनों में।
उत्तर: हां, यह भजन कई प्रसिद्ध गायकों जैसे हेमंत चौहान, काजल महरिया, चेतन राव आदि द्वारा यूट्यूब और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
उत्तर: "मायरा" का अर्थ होता है पिता द्वारा बेटी के ससुराल में दी जाने वाली भेंट या सम्मानस्वरूप तोहफे, विशेष रूप से विवाह के समय।
उत्तर: यह भजन हमें सिखाता है कि सच्चे विश्वास और भक्ति से भगवान स्वयं सहायता को आते हैं। जब संसार साथ नहीं देता, तब ईश्वर साथ निभाते हैं।
प्रकाशित: 17 Jun, 2025
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