मेरे दाता के दरबार में सब लोगो का खाता भक्ति भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
मुरली बजाइयो आ गयो एक सुंदर भक्तिमूलक गीत है जो भगवान श्री कृष्ण की दिव्य बांसुरी और राधा और गोपियों के साथ उनके संबंध को दर्शाता है। यह गीत प्रेम और भक्ति की गहरी भावनाओं को उजागर करता है, विशेषकर यमुनाजी के तट और कृष्ण की बांसुरी की जादुई ध्वनियों के माध्यम से। यह गीत श्रोताओं को एक आध्यात्मिक दुनिया में ले जाता है जहाँ कृष्ण की मोहक बांसुरी और राधा के साथ उनके प्रेम को एक साथ जोड़ा गया है।
गीत भगवान श्री कृष्ण के कुछ दिव्य कर्मों का वर्णन करता है, जैसे:
यमुनाजी के तट पर अपनी बांसुरी बजाना, जो गोपियों के दिलों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
राधा और गोपियों के साथ उनकी लीलाएँ, जो उनके दिलों में प्रेम और भक्ति का संचार करती हैं।
कृष्ण की बांसुरी की अविस्मरणीय ध्वनि, जो प्रेम और दिव्य संबंधों का प्रतीक बनती है।
आज यमुनाँ के तीर पर
लियो गोपी को चीर हार
आज यमुनाँ के तीर पर
लियो गोपी को चीर हार
मुरली बजाने वाले
दिल को चुराने वाले
अब तो बजा ले मुरली
यमुनाँ पर बुलाने वाले
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
ले कोरी बास भर प्रेम सांस
वो मीठी मुरली बजा गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
कभी बैठ कर डाल कदम की
मीठी राग सुनाये
मस्त मगन गोपी के ऊपर
ठंडो नींर उड़ाये
कभी बैठ कर डाल कदम की
मीठी राग सुनाये
मस्त मगन गोपी के ऊपर
ठंडो नींर उड़ाये
राधा को माखन खा गयो
राधा को माखन खा गयो
ग्वालों के मन को भा गयो
राधा को माखन खा गयो
ग्वालों के मन को भा गयो
ले कोरी बास भर प्रेम सांस
वो मीठी मुरली बजा गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
यमुनाँ तट पर आज लुटेरो
सबके मन को लूटे
ऐसे बांधे प्रेम के धागे
जनम जनम नहीं छूटे
यमुनाँ तट पर आज लुटेरो
सबके मन को लूटे
ऐसे बांधे प्रेम के धागे
जनम जनम नहीं छूटे
राधा को सैय्या आ गयो
राधा को सैय्या आ गयो
जग को लुटाइयो आ गयो
राधा को सैय्या आ गयो
जग को लुटाइयो आ गयो
ले कोरी बास भर प्रेम सांस
वो मीठी मुरली बजा गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
मुरली बजाइयो आ गयो
1. "मुरली बजाइयो आ गयो" के संगीतकार कौन हैं?
यह गीत भारतीय भक्ति संगीत के प्रसिद्ध संगीतकारों द्वारा रचित है, जो भगवान कृष्ण की भक्ति में आधारित गीतों का संगीत तैयार करते हैं। इसे कई कलाकारों ने भक्ति संगीत में गाया है।
2. इस गीत में बांसुरी का क्या महत्व है?
गीत में बांसुरी भगवान कृष्ण के दिव्य आह्वान का प्रतीक है, जो अपनी बांसुरी की ध्वनि से गोपियों और राधा के दिलों को आकर्षित करते हैं। यह दिव्य प्रेम का प्रतीक है, जो कृष्ण अपने भक्तों पर बरसाते हैं।
3. यह गीत किसे दर्शाता है?
यह गीत भगवान कृष्ण की बांसुरी की ध्वनि को दर्शाता है, जो गोपियों को अपनी ओर खींचता है, विशेषकर राधा को। यह गीत कृष्ण और उनके भक्तों के बीच के गहरे प्रेम और आध्यात्मिक संबंध को चित्रित करता है।
4. राधा और गोपियाँ गीत में किस रूप में प्रस्तुत की गई हैं?
राधा और गोपियाँ शुद्ध, बिना शर्त प्रेम और भक्ति का प्रतीक हैं। उनका कृष्ण के साथ संबंध आत्मा की दिव्य मिलन की प्रतीकता है। गीत के बोल यह दर्शाते हैं कि कृष्ण की बांसुरी कैसे उनके दिलों को प्रेम और आध्यात्मिक उल्लास से भर देती है।
5. यह गीत भगवान कृष्ण के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को कैसे दर्शाता है?
यह गीत भगवान कृष्ण की दिव्यता और उनके भक्तों के साथ उनके संबंध को सुंदर रूप से प्रस्तुत करता है। बांसुरी की बार-बार होने वाली चर्चा यह दिखाती है कि कृष्ण अपने भक्तों से प्रेम और भक्ति के माध्यम से जुड़ते हैं, जो संसार से परे एक आध्यात्मिक अनुभव है।
6. इस गीत को इतना विशेष क्या बनाता है?
गीत का बांसुरी का संगीत और इसके काव्यात्मक बोल श्रोताओं के लिए एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव प्रदान करते हैं। यह श्रोताओं को एक दिव्य दुनिया में ले जाता है, जहां प्रेम, भक्ति और कृष्ण की उपस्थिति को हर एक स्वर के साथ महसूस किया जा सकता है। यह प्रेम और भक्ति के दिव्य संबंधों को याद दिलाने का एक शक्तिशाली तरीका है।
"मुरली बजाइयो आ गयो" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि भगवान कृष्ण की दिव्य दुनिया में एक आध्यात्मिक यात्रा है। कृष्ण की बांसुरी की मधुर ध्वनि और सुंदर बोल के साथ यह गीत लाखों दिलों को प्रभावित करता है और हमें प्रेम और भक्ति के अद्वितीय संबंध की याद दिलाता है।
प्रकाशित: 01 Jun, 2025
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