हँस हँस मिठा जग में बोलणाए | Chetawani Bhajan Lyrics in Hindi
हस हस मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला ना आय।।
अरे नदी रे किनारे रूकनो ओ,
हंसला ए जद कदी करे है विलाप,
अरे पेला जडसी पालना ओ,
पेला जडसी पालना ओ,
पचे जडो रे मुल सु जाय,
मीठो मन बोलनो रे हंसला,
फिर मिला न आय।।
पान जडता बोलीया ओ,
ए हंसला ए सुरत वाली बाण,
अरे अबके बिछ्या न मिला ओ,
अबके बिछ्या न मिला ओ,
पुरब बुर पडाला जाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे हंस आया हंसा रे खेत मे,
ओ हंसला मूर्ख मारन जाय,
अरे हंस आया हंसा रे खेत में,
ओ हंसला अ मूर्ख मारन जाय,
अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
अरे सुन मूर्ख तू पावना ओ,
हंसो पर धन नही खाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
अरे रत्न तनाई जल भरीयो ओ,
ए हंसला जटे हंस राजा बैठा आय,
अरे प्रीत पुरानी कारने ओ,
प्रीत पुरानी कारने ओ,
अरे चुग चुग कंक खाय,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे हंस आया हंसा रे पावना ओ,
ए हंसला किनरी करूँ मनवार,
अरे लाला करू बिछावना रे,
लाला करू बिछावना रे,
अरे मोतीडा री मनवार,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे चौपड़ ढाली ओ चोवटे रे,
हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
अरे चौपड ढाली ओ चोवटे रे,
हंसला अरे खेले कोई संत सुजान,
अरे कोई एक बाजी जीत गया ओ,
अरे कोई कोई बाजी जीत गया ओ,
ए बीरा कोई कोई गया रे हार,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
अरे तिर्थ बडो है केदार,
अरे गंगा से यमुना बडी ओ हंसला,
तिर्थ बडो केदार,
अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
अरे बाबो डूंगरपुरी बोलीया ओ,
ए थारो वैकुण्ठा मे वेला वास,
मीठो जग में बोलनो रे,
हंसला फिर मिला न आय।।
✅ FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: "हँस हँस मिठा जग में बोलणाए" का क्या अर्थ है?
A: इसका अर्थ है — इंसान को इस दुनिया में हमेशा हँसते हुए, मधुर वाणी में बात करनी चाहिए, जिससे प्रेम और सम्मान बना रहे।
Q2: यह भजन किस विषय पर आधारित है?
A: यह भजन मानव मूल्यों, विनम्रता, मधुर व्यवहार, और भक्ति भावना पर आधारित है।
Q3: क्या यह भजन बच्चों को सिखाने योग्य है?
A: बिल्कुल। यह भजन बच्चों और बड़ों दोनों को जीवन में अच्छे व्यवहार और भक्ति का पाठ पढ़ाने के लिए उपयुक्त है।
Q4: यह भजन किस भक्ति परंपरा से जुड़ा है?
A: यह भजन संतमत, निर्गुण भक्ति, या लोक भक्ति परंपरा से संबंधित हो सकता है।
Q5: इस भजन का भावार्थ क्या है?
A: इसका भाव यह है कि संसार में मीठे बोल और प्रेमपूर्ण व्यवहार से ही सच्चा धर्म और भक्ति संभव है।
Q6: क्या इसका कोई प्रसिद्ध गायक है?
A: कई लोक भजन गायकों द्वारा यह भजन प्रस्तुत किया गया है, और यह भजन YouTube पर भी उपलब्ध है।
Q7: क्या यह भजन सत्संग में गाया जा सकता है?
A: हाँ, यह भजन अक्सर सत्संग, बाल संस्कार शिविर, और परिवारिक भक्ति आयोजनों में गाया जाता है।
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