गले से लगा लो ना साँवरिया | Gale Se Laga Lo Na Sawariya Lyrics in Hindi
गले से लगा लो ना साँवरिया – एक भक्ति और प्रेम भजन
गले से लगा लो ना साँवरिया एक भावनात्मक और दिल को छूने वाला भक्ति गीत है। इस गीत में भगवान से प्रेम और भक्ति की गहरी भावना को अभिव्यक्त किया गया है, जिसमें भक्ति, प्रेम और समर्पण के भाव उजागर होते हैं। यह गीत हमें भगवान के साथ एक दिव्य और सच्चे रिश्ते की याद दिलाता है।
गीत के बोल (Lyrics):
तर्ज – हुस्न पहाड़ो का
गले से लगा लो ना साँवरिया,
गले से लगा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना।।
तर्ज – हुस्न पहाड़ो का
अपना नहीं कोई सगले पराये,
जितना उठु मुझे उतना गिराये,
आकर सँभालो ना साँवरिया,
आकर सँभालो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….
तेरे बिना ना कोई हमारा,
हमने सुना तू है हारे का सहारा,
मुझे भी जीता दो ना साँवरिया,
मुझे भी जीता दो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….
‘गंगा गौरी’ तुझको पुकारे,
आजा रे आजा पागल के प्यारे,
प्रेम बढ़ा लो ना साँवरिया,
प्रेम बढ़ा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….
गले से लगा लो ना साँवरिया,
गले से लगा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना।।
लिरिक्स – आदित्य मोदी जी
गीत का संदेश
"गले से लगा लो ना साँवरिया" भजन भगवान श्री कृष्ण और उनके भक्तों के बीच की गहरी प्रेम भावना का प्रतीक है। यह गीत भगवान से प्रेम की अभिव्यक्ति है और भक्तों की यही कामना है कि वे भगवान के और पास जाएं। गीत के बोल सरल और भावुक हैं, जो हर व्यक्ति के दिल को छूने के लिए पर्याप्त हैं। गीत में भगवान से यह गुजारिश की गई है कि वह अपने भक्तों को गले से लगा लें और उन्हें अपनी शरण में ले लें।
गीत के मुख्य भाव
-
भक्ति का समर्पण
भजन में भगवान से पूर्ण समर्पण की भावना है, जहां भक्त अपने दिल की बातें भगवान के सामने रखता है और उनसे सच्चे प्रेम की प्रार्थना करता है। -
प्रेम और दिव्य संबंध
"गले से लगा लो ना" शब्द यह दर्शाते हैं कि भगवान और भक्त के बीच एक अटूट प्रेम और संबंध है, जो किसी भी परिस्थितियों से प्रभावित नहीं होता। -
गंगा गौरी का उल्लेख
गीत में गंगा और गौरी का भी जिक्र है, जो भारतीय संस्कृति और भक्ति से जुड़ी हुई पवित्र अवधारणाओं को दर्शाते हैं। यह संकेत है कि भगवान की कृपा के बिना जीवन में कोई भी संकट हल नहीं हो सकता।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
1. गले से लगा लो ना साँवरिया का मतलब क्या है?
यह गीत भगवान श्री कृष्ण से गहरे प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति है। "गले से लगा लो" का अर्थ है भगवान से अपनापन और आशीर्वाद प्राप्त करना।
2. यह भजन किसने लिखा है?
यह भजन आदित्य मोदी जी द्वारा लिखा गया है, जो अपने भक्तिमूलक गीतों के लिए प्रसिद्ध हैं।
3. इस गीत का संदेश क्या है?
गीत का संदेश है कि हम भगवान से प्रेम और भक्ति में डूबकर, उन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और उनके साथ अटूट संबंध बनाएं।
4. क्या इस भजन में कोई विशेष तर्ज है?
हाँ, इस भजन की तर्ज "हुस्न पहाड़ों का" है, जो गीत के भाव और संगीत को और भी प्रभावी बनाती है।
5. इस भजन को सुनने से क्या लाभ होता है?
इस भजन को सुनने से मानसिक शांति मिलती है और भगवान से जुड़ने का एक दिव्य अनुभव होता है। यह भजन भक्तों को आत्मिक शांति और प्रेम का अहसास कराता है।
निष्कर्ष
"गले से लगा लो ना साँवरिया" एक अद्भुत भक्ति गीत है जो भगवान श्री कृष्ण से प्रेम और भक्ति की गहरी अभिव्यक्ति करता है। इस गीत के जरिए हम भगवान से अपने आत्मिक संबंध को मजबूत करने की प्रेरणा प्राप्त करते हैं। यदि आप भी इस गीत से जुड़कर भगवान कृष्ण के प्रेम में डूबना चाहते हैं, तो इसे अवश्य सुनें और अपने दिल की गहराइयों तक महसूस करें।
अधिक भक्ति गीतों के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और भक्ति के मार्ग में आगे बढ़ें।
Leave Message