चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 2025: विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री सूची
चैत्र नवरात्रि घटस्थापना 2025: विधि, शुभ मुहूर्त और सामग्री सूची
📅 चैत्र नवरात्रि 2025 कब है?
चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 2025 का आरंभ 29 मार्च से हो रहा है और समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा।
इस बार नवरात्रि केवल 8 दिनों की होगी क्योंकि अष्टमी और नवमी एक ही दिन मनाई जाएगी। इस दौरान माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
📌 घटस्थापना का महत्व
घटस्थापना, नवरात्रि का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। इसे शक्ति का आवाहन कहा जाता है, जिसमें माँ दुर्गा का स्वागत किया जाता है। सही मुहूर्त में कलश स्थापना करने से सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
🌅 घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 2025
📅 तिथि: 29 मार्च 2025 (शुक्रवार)
🕕 घटस्थापना मुहूर्त: सुबह 06:30 AM से 08:00 AM (अभिजीत मुहूर्त)
🔸 प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 28 मार्च 2025, रात 11:50 बजे
🔹 प्रतिपदा तिथि समाप्त: 29 मार्च 2025, रात 08:20 बजे
⏳ (टिप्पणी: शुभ मुहूर्त स्थान के अनुसार बदल सकता है, इसलिए पंचांग से पुष्टि करें)
📜 घटस्थापना विधि (Kalash Sthapana Vidhi)
चैत्र नवरात्रि में कलश स्थापना एक विशेष विधि से की जाती है। सही तरीके से घटस्थापना करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएं:
🔹 घटस्थापना की सामग्री सूची (Samagri List)
✔️ मिट्टी का पात्र (कलश स्थापना के लिए)
✔️ जौ (उगाने के लिए)
✔️ तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश
✔️ जल (गंगा जल या शुद्ध पानी)
✔️ आम के पत्ते
✔️ नारियल (लाल वस्त्र में लपेटा हुआ)
✔️ लाल वस्त्र या चुनरी
✔️ रोली, कुमकुम, अक्षत (चावल)
✔️ सुपारी
✔️ दूर्वा घास
✔️ पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और चीनी)
✔️ अगरबत्ती, दीपक और घी
✔️ फूल और माला
🛕 घटस्थापना की संपूर्ण विधि
🔸 1. स्थान चयन: सबसे पहले घर में किसी पवित्र स्थान को चुनें और उसे गंगाजल से शुद्ध करें।
🔸 2. वेदी बनाएं: लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर वेदी बनाएं।
🔸 3. जौ बोना: वेदी के मध्य मिट्टी रखें और उसमें जौ बो दें।
🔸 4. कलश स्थापना:
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कलश में गंगाजल भरें।
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उसमें सुपारी, दूर्वा, अक्षत और फूल डालें।
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आम के पत्तों को कलश के चारों ओर सजाएं।
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नारियल को लाल वस्त्र में लपेटकर कलश के ऊपर रखें।
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कलश पर स्वास्तिक बनाएं।
🔸 5. माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
🔸 6. दीप जलाएं और पूजा प्रारंभ करें।
🔸 7. दुर्गा सप्तशती या देवी मंत्रों का जाप करें।
🙏 नवरात्रि व्रत और पूजा विधि
चैत्र नवरात्रि में 9 दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा विभिन्न रूपों में की जाती है।
✅ 🌺 पहले दिन: माँ शैलपुत्री की पूजा करें।
✅ 🪔 दूसरे दिन: माँ ब्रह्मचारिणी का पूजन करें।
✅ 🔥 तीसरे दिन: माँ चंद्रघंटा की आराधना करें।
✅ 🍀 चौथे दिन: माँ कूष्मांडा की उपासना करें।
✅ 💛 पांचवे दिन: माँ स्कंदमाता की पूजा करें।
✅ 🕉️ छठे दिन: माँ कात्यायनी की पूजा करें।
✅ 💖 सातवें दिन: माँ कालरात्रि की पूजा करें।
✅ 🕯️ आठवें दिन: माँ महागौरी की आराधना करें।
✅ 🎉 नवमी (अष्टमी-नवमी एक साथ): माँ सिद्धिदात्री की पूजा करें और कन्या पूजन करें।
📜 नवरात्रि के दौरान क्या करें और क्या न करें?
✅ क्या करें?
✔️ माँ दुर्गा की पूजा में लाल और पीले रंग के वस्त्र पहनें।
✔️ व्रत के दौरान सात्विक भोजन करें।
✔️ नौ दिन तक देवी माँ की आराधना करें और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
✔️ कन्या पूजन जरूर करें।
🚫 क्या न करें?
❌ प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन न करें।
❌ नवरात्रि के दौरान नशा न करें।
❌ अपशब्दों से बचें और संयमित आचरण करें।
🌿 नवरात्रि पारण (अष्टमी/नवमी हवन और कन्या पूजन)
चैत्र नवरात्रि का समापन 6 अप्रैल 2025 को होगा। इस दिन कन्या पूजन और हवन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
🔸 कन्या पूजन में 9 कन्याओं और 1 लंगुर (बालक) को भोजन कराएं।
🔸 हलवा-पूरी, चना और नारियल का प्रसाद चढ़ाएं।
🔸 भोजन के बाद कन्याओं को उपहार दें और आशीर्वाद लें।
🌟 निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना से लेकर नौ दिनों तक माँ दुर्गा की आराधना विशेष फलदायी होती है। यह न सिर्फ आध्यात्मिक उन्नति देता है बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है।
🔥 आपको और आपके परिवार को चैत्र नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🙏
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