सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या भजन लिरिक्स | Satguru Pura Mhane Milya Bhajan Lyrics in Hindi
सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या है सुमरतां,
पियाजी री छतरी बताओ जी॥टेर॥
कहाँ सेती तुम चलकर आया रे,
कुण थाने रस्ता बताया जी,
कहाँ तेरा स्थान कहीजै रे,
सो मोहे दरसाओ जी॥1॥
नाम नगर से चलकर आया रे,
सतगुरु रस्ता बताया,
भवसागरिये मे तीरना उपर,
पकड़ भुजा सतगुरु ल्याया॥2॥
चढ़ छतरी पर मगन भया है रे,
भँवर कुसाली पे आया,
सात सखी रल मंगल गावै,
जमड़ा देखत रोया॥3॥
नवलनाथ जोगी पुरा म्हाने मिलिया,
रब का रस्ता बताया,
भणत कमाल नवल थारे शरणे,
बैठ तन्दूरे पे गाया॥4॥
✅ FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: "सतगुरु पुरा म्हाने मिल्या है" भजन का भावार्थ क्या है?
A: यह भजन दर्शाता है कि एक सच्चे सतगुरु की प्राप्ति जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। सतगुरु की छाया में जीवन सफल होता है।
Q2: यह भजन किस भाषा में है?
A: यह भजन राजस्थानी भाषा में है, जिसमें हिंदी की झलक भी शामिल है।
Q3: क्या यह भजन किसी विशेष गुरु को समर्पित है?
A: यह एक समर्पण भाव से भरा सतगुरु भजन है और इसे किसी भी गुरु के प्रति श्रद्धा से गाया जा सकता है।
Q4: इस भजन को कहां सुन सकते हैं?
A: आप इस भजन को YouTube, JioSaavn, Spotify जैसे भक्ति मंचों पर सुन सकते हैं।
Q5: क्या यह भजन सत्संग या भजन संध्या में गाया जाता है?
A: हाँ, यह भजन अक्सर सत्संग, गुरु पूर्णिमा और भजन संध्याओं में गाया जाता है।
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