Saawre Ko Dil Mein Basakar To Dekho Lyrics | सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो भजन
सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो ।। टेर ।।
सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो,
दुनिया से मन को हटा करके देखो।
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी,
इक बार वृन्दावन आकर तो देखो।।
मीरा ने जैसे गिरधर को पाया,
प्याला ज़हर का अमृत बनाया,
तुम अपनी हस्ती मिटा कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो।।
श्याम बिना मेरा कोई ना अपना,
ये दुनिया है इक झुटा सपना,
नज़रों से पर्दा हटा कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो।।
तेरी पल में झोली वो भर देगा,
दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा,
चौखट पे दामन फैला कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो।।
चित्र-विचित्र का तो बस यही कहना,
गुरु चरणो से कभी दूर नहीं रहना,
जिंदगी ये बंदगी में मिटा कर तो देखो,
इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो।।
सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो,
दुनिया से मन को हटा करके देखो।
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी,
इक बार वृन्दावन आकर तो देखो।।
✅ FAQs (Frequently Asked Questions in Hindi):
प्रश्न 1: "सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो" भजन का क्या संदेश है?
उत्तर: यह भजन श्रीकृष्ण को अपने हृदय में बसाने की प्रेरणा देता है। इसका भाव है कि सच्चे प्रेम और श्रद्धा से जीवन में चमत्कार हो सकता है।
प्रश्न 2: यह भजन किसके लिए समर्पित है?
उत्तर: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण, विशेष रूप से उनके सांवले रूप, को समर्पित है।
प्रश्न 3: यह भजन कहाँ गाया जाता है?
उत्तर: यह भजन सत्संगों, मंदिरों, और भजन संध्याओं में अक्सर गाया जाता है।
प्रश्न 4: क्या यह भजन ध्यान या मेडिटेशन में उपयोगी है?
उत्तर: हाँ, इसके मधुर बोल और भक्तिपूर्ण भाव इसे ध्यान और भक्ति में उपयोगी बनाते हैं।
प्रश्न 5: इस भजन का प्रमुख भाव क्या है?
उत्तर: ईश्वर को अपने भीतर अनुभव करना और उनके प्रेम में लीन हो जाना — यही इसका मूल भाव है।
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