ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश लिरिक्स | Krishna Bhakti Lyrics In Hindi
ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश लिरिक्स | Krishna Bhakti Lyrics In Hindi
भजन की राग - सोरठ
"राग का समय - मध्य रात्रि"
थारी सांवरी सुरत लम्बा केश
ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश
मोहन प्यारा आ ज्योओ जी म्हारे देश।
सावन आवन केह गए जी कोई कर गए कोल अनेक
गिनता गिनता घिस गई माहरी आंग्लियाँ की रेख
ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश
मोहन प्यारा आ ज्योओ जी म्हारे देश।
जोगन हो ये भी जंगल जंगल पाया ना थारो भेद
थारी सूरत कारण संवारा हे धर लियो भगवा वेश
ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश
मोहन प्यारा आ ज्योओ जी म्हारे देश।
मोर मुकट पिताम्भर सोहे घुंगर वाला केश
मीरा को प्रभु गिरधर मिलियो ढूंडू बड़ा स्नेह
ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश
मोहन प्यारा आ ज्योओ जी म्हारे देश।
✅ FAQs (Frequently Asked Questions):
❓ ओ कन्हैया प्यारा सांवली सूरत लम्बा केश भजन किसके लिए समर्पित है?
उत्तर: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है और उनकी सुंदरता, सांवली सूरत, और लम्बे केश का भावपूर्ण वर्णन करता है।
❓ क्या यह कृष्ण भजन पारंपरिक है?
उत्तर: हाँ, यह एक पारंपरिक और लोकप्रिय कृष्ण भक्ति गीत है जो भारत में कई भक्तों द्वारा गाया जाता है।
❓ इस भजन को कहां सुना जा सकता है?
उत्तर: इसे आप YouTube, Spotify, JioSaavn, और अन्य भक्ति संगीत प्लेटफ़ॉर्म पर सुन सकते हैं।
❓ क्या इस भजन के लिरिक्स फ्री में उपलब्ध हैं?
उत्तर: हाँ, आप इस भजन के पूरे लिरिक्स हमारी वेबसाइट पर हिंदी में मुफ्त में पढ़ सकते हैं।
❓ यह भजन किस मूड और मौके पर गाया जाता है?
उत्तर: यह भजन विशेष रूप से जन्माष्टमी, कृष्णा अष्टमी, या कृष्ण भक्ति सत्संग में गाया जाता है।
Leave Message