जय राधा माधव जय कुन्ज बिहारी | Jai Radha Madhav Kunj Bihari Lyrics
जय राधा माधव जय कुन्ज बिहारी | Jai Radha Madhav Kunj Bihari Lyrics
जय राधा माधव,
जय कुन्ज बिहारी
जय गोपी जन बल्लभ,
जय गिरधर हरी
जय गोपी जन बल्लभ,
जय गिरधर हरी ॥
यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन
यशोदा नंदन, ब्रज जन रंजन
जमुना तीर बन चारि,
जय कुन्ज बिहारी ॥
मुरली मनोहर करुणा सागर
मुरली मनोहर करुणा सागर
जय गोवर्धन हरी,
जय कुन्ज बिहारी ॥
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा,
कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे
हरे रामा हरे रमा,
रामा रामा हरे हरे
✅ FAQs हिंदी में:
प्रश्न 1: "जय राधा माधव, जय कुंज बिहारी" का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है "राधा और माधव (कृष्ण) की जय हो, जो वृंदावन की कुंज गलियों में विहार करते हैं।" यह एक भक्तिपूर्ण भजन है जो श्री राधा-कृष्ण की महिमा का गुणगान करता है।
प्रश्न 2: "जय राधा माधव" भजन किसने लिखा है?
उत्तर: यह भजन प्रायः श्रील भक्तिविनोद ठाकुर को समर्पित माना जाता है और यह ISKCON (हаре कृष्णा आंदोलन) में बहुत प्रसिद्ध है।
प्रश्न 3: यह भजन किस भाषा में है?
उत्तर: यह भजन संस्कृत मिश्रित हिंदी में लिखा गया है, जिसमें वैष्णव भक्ति से जुड़ी पारंपरिक शब्दावली का प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 4: यह भजन कहाँ गाया जाता है?
उत्तर: यह भजन अक्सर ISKCON मंदिरों, सुबह की आरती, कीर्तन, और भक्ति सत्संग में गाया जाता है।
प्रश्न 5: क्या इस भजन को ध्यान या योग के दौरान सुन सकते हैं?
उत्तर: हाँ, इसकी मधुरता और भक्ति से भरी भावना इसे ध्यान, योग, और आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त बनाती है।
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