दिल अपणै में सोचले समझ दुख पावै जान भजन लिरिक्स

    रति नाथ भजन

    • 2 Mar 2024
    • Admin
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    दिल अपणै में सोचले समझ दुख पावै जान भजन लिरिक्स

    दिल अपणै में सोचले समझ , दुख पावै जान। 
    मेरी नाथ बिना, रघुनाथ बिना॥टेर॥

    आई जवानी भया दीवाना, बल तोले हस्ती जितना। 
    यम का दूत पकड़ ले जासी, जोर न चाले तिल जितना॥1॥

    भाई बन्धु कुटुम्ब कबीला, झूठी माया घर अपना। 
    कई बार पुत्र पिता घर जनमें, कई बार पुत्र पिता अपना॥2॥

    कुण संग आया, कुण संग जासी, सब जुग जासी साथ बिना। 
    हंसला बटाऊ तेरा यहीं रह जासी, खोड़ पड़ी रवे सांस बिना॥3॥

    लखै सरीसा, लख घर छोड्या, हीरा मोती और रतना। 
    अपनी करणी, पार उतरणी, भजन बणायो है कसाई सजना॥4॥

     

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