Khatu Shyam Bhajan Sangarh – श्याम का रंग चढ़ गया भजन लिरिक्स
प्रकाशित: 20 Jun, 2025
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी, अँखियाँ प्यासी रे |
मन मंदिर की जोत जगा दो, घाट घाट वासी रे ||
मंदिर मंदिर मूरत तेरी, फिर भी न दीखे सूरत तेरी |
युग बीते ना आई मिलन की पूरनमासी रे ||
द्वार दया का जब तू खोले, पंचम सुर में गूंगा बोले |
अंधा देखे लंगड़ा चल कर पँहुचे काशी रे ||
पानी पी कर प्यास बुझाऊँ, नैनन को कैसे समजाऊँ |
आँख मिचौली छोड़ो अब तो मन के वासी रे ||
निबर्ल के बल धन निधर्न के, तुम रखवाले भक्त जनों के |
तेरे भजन में सब सुख़ पाऊं, मिटे उदासी रे ||
नाम जपे पर तुझे ना जाने, उनको भी तू अपना माने |
तेरी दया का अंत नहीं है, हे दुःख नाशी रे ||
आज फैसला तेरे द्वार पर, मेरी जीत है तेरी हार पर |
हर जीत है तेरी मैं तो, चरण उपासी रे ||
द्वार खडा कब से मतवाला, मांगे तुम से हार तुम्हारी |
नरसी की ये बिनती सुनलो, भक्त विलासी रे ||
लाज ना लुट जाए प्रभु तेरी, नाथ करो ना दया में देरी |
तिन लोक छोड़ कर आओ, गंगा निवासी रे ||
उत्तर: यह एक पारंपरिक भक्तिमय भजन है, जो किसी एक लेखक से जुड़ा नहीं है। इसे कई लोग मीरा बाई की शैली में मानते हैं, लेकिन इसका सही रचनाकार अज्ञात है।
उत्तर: यह भजन भगवान श्रीकृष्ण (घनश्याम) को समर्पित है और उनके दर्शन की तड़प को व्यक्त करता है।
उत्तर: इसमें एक भक्त अपने आराध्य श्रीकृष्ण से कहता है कि उसकी आँखें दर्शन के लिए प्यासी हैं। बिना दर्शन के जीवन में कोई रस नहीं है।
उत्तर: हाँ, यह भजन फिल्म "नरसी भगत" (1957) में बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इसे मन्ना डे ने गाया था और आज भी यह बहुत लोकप्रिय है।
उत्तर: यह भजन आमतौर पर भजन संध्या, कृष्ण जन्माष्टमी, या व्यक्तिगत भक्ति साधना के समय गाया जाता है।
प्रकाशित: 20 Jun, 2025
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