मेवाड़ी राणा भजनाँ सूं लागै मीरा मीठी लिरिक्स | Meera Bhajan Lyrics in Hindi
मेवाड़ी राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी।
उदयपुर राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
थारो तो राम म्हानै बतावो,
नहीं तो फकीरी थारी झूठी॥1॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
म्हारो तो राम राणाजी घटघट बोलै,
थारै हिये की कियाँ फूटी॥2॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
सास नणद दोराणी, जिठाणी,
जलबल भई अंगीठी॥3॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
थे तो साँवरिया म्हारै सिर का सेवरा,
म्हें थारै हाथकी अंगूठी॥4॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
सँकडी गली मँ म्हानै गिरधर मिलियो,
किस बिध फिरुँ मैं अपूठी॥5॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
बाई मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
चढ़ गयो रंग मजीठी॥6॥
भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
मेवाड़ी राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी।
उदयपुर राणा, भजनाँ सँ लागै मीरा मीठी॥टेर॥
✅ FAQs (Frequently Asked Questions)
Q1: "मेवाड़ी राणा, भजनाँ सूं लागै मीरा मीठी" भजन किसने लिखा है?
A: यह एक पारंपरिक राजस्थानी भजन है, जिसे संत मीरा बाई की भक्ति पर आधारित लोकगायकों ने रचा और गाया है।
Q2: इस भजन का मुख्य भाव क्या है?
A: यह भजन मीरा बाई की भक्ति और मेवाड़ के राणा के विरोध के बावजूद उनके कृष्ण प्रेम को दर्शाता है।
Q3: भजन किस भाषा में है?
A: यह भजन राजस्थानी और ब्रज भाषा के मेल से रचा गया है, जिसमें लोक मिठास है।
Q4: क्या इस भजन को मीरा बाई ने स्वयं लिखा था?
A: यह मीरा बाई के जीवन पर आधारित है, परंतु यह विशेष भजन परंपरागत भक्ति धारा का हिस्सा माना जाता है।
Q5: इस भजन को कहां सुन सकते हैं?
A: YouTube, Spotify, Wynk, और अन्य भक्ति संगीत ऐप्स पर यह भजन उपलब्ध है।
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